इसके तहत जयपुर से 6 ट्रेन और अजमेर, कोटा व जोधपुर से 1-1 प्राइवेट ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इन प्राइवेट ट्रेनों में संभवत: तेजस एक्सप्रेस की तरह ट्रेन होस्टेस होगी। जो बोगी में घुसते ही आपको राजस्थान की परंपरागत खम्माघणी बोलकर संबोधित करेंगी। इन ट्रेनों की खास बात यह है कि इनमें आपको अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेगी। जिससे आपको हवाई यात्रा करने जैसा अनुभव होगा। यह ट्रेनें समय पर गंतव्य स्थान तक पहुंचने को प्राथमिकता दी गई है।
अधिकारियों के मुताबिक निजी ट्रेनों के संचालन में समय का विशेष ध्यान रखा जाएगा। वर्तमान मेंं संचालित हो रही राजधानी, शताब्दी समेत अन्य तेज गति से चलने वाली ट्रेनों की भांति इसके आवागमन पर फोकस किया जाएगा। यह भी सामने आया है कि ट्रेन चलाने वाली कंपनी को कम से कम 668 रुपए प्रति किलोमीटर किराया देना होगा। इसके अलावा ट्रेन के एसी, नॉन एसी और किराया कंपनी ही तय करेगी। हालांकि अभी टेंडर समेत कई प्रक्रिया बाकी है।
प्रत्येक स्टेशन पर करेंंगे विरोध इधर, प्रदेश में निजी ट्रेनों के संचालन की सूचना मिलने के बाद रेलवे कर्मचारी संघों में गुस्सा देखा जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ के मंडल अध्यक्ष सौरभ दीक्षित का कहना है कि निजी ट्रेनों का संचालन प्रदेश में किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा। इसको लेकर रणनीति बनाकर प्रत्येक स्टेशन पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
सप्ताह में यह होंगी संचालित
जयपुर-बांद्रा (2 दिन) जयपुर-बेंगलूरु (2 दिन) जयपुर- उधमपुर (6 दिन ) जयपुर-कोटा (प्रतिदिन) जयपुर-मुंबई (साप्ताहिक)जयपुर- दिल्ली (साप्ताहिक) अजमेर-जोगेश्वरी (प्रतिदिन) कोटा-हजरत निजामुद्दीन (प्रतिदिन) भगत की कोठी- चेन्नई (2 दिन)
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