कांग्रेस में प्रियंका नाम जरूर उछला है, लेकिन प्रियंका इस पर सहमति देती हैं या नहीं, ये देखने वाली बात होगी। इसके अलावा ये भी कयास लगाया जा रहा है कि क्या शीर्ष नेतृत्व उन्हें यूपी की जिम्मेदारी के साथ-साथ राज्यसभा भेजने के लिए राजी होगा।
२०१९ में हुई थी लोकसभा चुनाव लडऩे पर चर्चा
२०१९ में हुई थी लोकसभा चुनाव लडऩे पर चर्चा
गौरतलब है कि इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए भी प्रियंका के नाम की चर्चा हुई थी। कांग्रेस नेता अभी उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय हैं और लगातार राज्य का दौरा कर रही हैं। राज्य में दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस तैयारी कर रही है और प्रियंका ने इसकी कमान संभाल रखी है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि अब सबकुछ प्रियंका पर निर्भर करता है। प्रियंका अभी पार्टी की महासचिव हैं और वह अभी किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले प्रियंका अपनी मां की लोकसभा सीट रायबरेली का काम देख रही थीं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
आजाद और दिग्विजय की हो सकती है वापसी
आजाद और दिग्विजय की हो सकती है वापसी
इस बार उच्च सदन से नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, अंबिका सोनी, मधुसूदन मिस्त्री, हुसैन दलवाई जैसे दिग्गजों के कार्यकाल खत्म हो रहे हैं। इनमें से कुछ चेहरों की वापसी तय मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद और दिग्विजय सिंह की वापसी हो सकती है। वहीं चर्चा है कि बढ़ती उम्र के बावजूद मोतीलाल वोरा की गांधी परिवार के प्रति वफादारी उन्हें एक और मौका दिला सकती है। राज्यसभा में इस साल लगभग 70 से ज्यादा सीटें खाली हो रही हैं। इनमें कांग्रेस और भाजपा की हिस्सेदारी काफी है। कांग्रेस के 18 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, जबकि उसकी 9 सीटों की ही दावेदारी बनेगी। सदन में 10 अप्रैल को कई सीटें खाली हो रही हैं। चर्चा है कि मार्च के मध्य तक कांग्रेस हाईकमान इन पर फैसला ले सकता है।
वोरा को मिलेगा मौका
वोरा को मिलेगा मौका
छत्तीसगढ़ में बंपर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस के पास पांच में से दो सीटें हैं। दोनों ही सीटें 10 अप्रैल को खाली हो रही हैं। कांग्रेस के मोतीलाल वोरा और भाजपा के रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल खत्म हो रहा है। कांग्रेस के बहुमत देखते हुए ये दोनों ही सीटें कांग्रेस के खाते में मानी जा रही हैं।
युवा चेहरों पर भी विचार
युवा चेहरों पर भी विचार
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस में अलग-अलग राज्यों में खाली सीटों के लिए उम्मीदवारों को लेकर मंथन चल रहा है। कहा जा रहा है कि एक तरफ पार्टी पर अपने सीनियर नेताओं को भेजने का दबाव है। वहीं एक राय उच्च सदन में युवा चेहरों को भी भेजने की है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की पसंद को देखते हुए कुछ युवा चेहरों पर विचार चल रहा है। राज्यसभा के टिकट के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, दिग्विजय सिंह के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजीव शुक्ला, रणदीप सुरजेवाला, दीपेंदर हुड्डा से लेकर टी सुब्बारामी रेड्डी तक शामिल हैं।