जयपुर

Stray Animals : आवारा पशुओं की समस्या से मिलेगी निजात : गिरिराज सिंह

Stray Animals : केंद्रीय पशुपालन, मत्स्यपाल एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के माध्यम से केंद्र सरकार आवारा पशुओं की समस्या इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हल कर लेगी। सिंह ने कहा कि सरकार का यह प्रयास एक ओर आवारा पशुओं की समस्या को हल करेगा, वहीं दूसरी ओर नौजवानों को रोजगार के अवसर मुहैया कराएगा।

जयपुरJan 13, 2020 / 07:27 pm

hanuman galwa

Stray Animals : आवारा पशुओं की समस्या से मिलेगी निजात : गिरिराज सिंह


आवारा पशुओं की समस्या से मिलेगी निजात : गिरिराज सिंह
पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के माध्यम से प्रयास
मथुरा। केंद्रीय पशुपालन, मत्स्यपाल एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के माध्यम से केंद्र सरकार आवारा पशुओं की समस्या इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हल कर लेगी। सिंह ने कहा कि सरकार का यह प्रयास एक ओर आवारा पशुओं की समस्या को हल करेगा, वहीं दूसरी ओर नौजवानों को रोजगार के अवसर मुहैया कराएगा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि साथी यह किसानों की आमदनी बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि वैसे तो 70 के दशक में ही देश में कृत्रिम गर्भाधान की प्रणाली शुरू कर दी गई थी, लेकिन पिछली सरकारों ने इसमें अधिक रूचि नहीं ली। उन्होंने कहा कि इसी कारण कुछ राज्यों को छोड़कर कृत्रिम गर्भाधान का प्रतिशत मात्र 19 से 24 और अधिकतम 30 प्रतिशत था।
गोपालकों की मजबूरी
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किसान कम दूध देने वाली गाय को पालने को मजबूर था। धीरे-धीरे लागत बढऩे लगी तो गोपालक गोवंश को छुट्टा छोडऩे को मजबूर हो गया। सरकार इस समस्या का निराकरण बड़े पैमाने पर नस्ल सुधार कार्यक्रम चलाकर कर रही है। इससे एक ओर नस्ल सुधार में ऐसी गायों का उपयोग किया जाएगा जो या तो बांझ हैं या फिर एक या दो लीटर दूध ही देती हैं।
600 जिले चिन्हित
सिंह ने बताया कि नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान प्रणाली का बड़े पैमाने पर प्रयोग में लाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत देश के 600 जिलों को चिन्हित किया जा चुका है। इन चुने हुए जिलों में 300 गांव में कृत्रिम गर्भाधान विधि को प्रथम चरण में प्रारंभ किया गया है, जिसके तहत राज्य सरकार के माध्यम से 25-26 हजार कृत्रिम गर्भाधान प्रतिदिन किए जा रहे हैं।
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