पिछले साल की यह व्यवस्था
पिछले साल खरीफ वर्ष 2017-2018 में भी मुख्यमन्त्री के निर्देशानुसार किसानों से समर्थन मूल्य पर भारी मात्रा में मूंगफली, मूँग, उड़द एवं सोयाबीन की राजफैड एवं नेफैड की ओर से खरीद की गई थी। जिसके लिए निगम की ओर से लगभग 62.00 लाख बोरियों/कट्टों के भण्डारण की व्यवस्था की गई थी। खरीद किए गए स्टॉक का स्वयं के गोदामों एवं विभिन्न स्थानों पर गोदाम किराए पर लेकर भण्डारण की व्यवस्था की गई थी। ताकि किसानों को अधिक से अधिक उनकी उपज खरीद कर उनको लाभान्वित किया जा सके।
पिछले साल खरीफ वर्ष 2017-2018 में भी मुख्यमन्त्री के निर्देशानुसार किसानों से समर्थन मूल्य पर भारी मात्रा में मूंगफली, मूँग, उड़द एवं सोयाबीन की राजफैड एवं नेफैड की ओर से खरीद की गई थी। जिसके लिए निगम की ओर से लगभग 62.00 लाख बोरियों/कट्टों के भण्डारण की व्यवस्था की गई थी। खरीद किए गए स्टॉक का स्वयं के गोदामों एवं विभिन्न स्थानों पर गोदाम किराए पर लेकर भण्डारण की व्यवस्था की गई थी। ताकि किसानों को अधिक से अधिक उनकी उपज खरीद कर उनको लाभान्वित किया जा सके।
भंडारण पर किसानों को यह फायदा
राजस्थान राज्य भण्डारव्यवस्था निगम की ओर से राज्य में सामान्य श्रेणी के किसानों को उनकी कृषि उपज के निगम के गोदामों में भण्डारण करने पर संग्रहण शुल्क में 60 प्रतिशत की दर से छूट दी जाती है। जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के किसानों को 70 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। यह छूट केन्द्रीय भण्डारण निगम सहित अन्य सभी राज्य भण्डारव्यवस्था निगमों की तुलना में देश में सर्वाधिक है। किसानों को गोदामों में जमा उपज की वेयरहाउस रसीद पर विभिन्न सहकारी एवं अन्य बैंकों द्वारा ऋण प्रदान किए जाने की सुविधा भी उपलब्ध है।
राजस्थान राज्य भण्डारव्यवस्था निगम की ओर से राज्य में सामान्य श्रेणी के किसानों को उनकी कृषि उपज के निगम के गोदामों में भण्डारण करने पर संग्रहण शुल्क में 60 प्रतिशत की दर से छूट दी जाती है। जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के किसानों को 70 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। यह छूट केन्द्रीय भण्डारण निगम सहित अन्य सभी राज्य भण्डारव्यवस्था निगमों की तुलना में देश में सर्वाधिक है। किसानों को गोदामों में जमा उपज की वेयरहाउस रसीद पर विभिन्न सहकारी एवं अन्य बैंकों द्वारा ऋण प्रदान किए जाने की सुविधा भी उपलब्ध है।