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जमीन नहीं मिलने से अटकी गोदाम निर्माण की प्रक्रिया !

locationजयपुरPublished: Jun 07, 2018 05:59:58 pm

Submitted by:

Ashish Sharma

जमीन नहीं मिलने से अटकी गोदाम निर्माण की प्रक्रिया !

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जमीन नहीं मिलने से अटकी गोदाम निर्माण की प्रक्रिया !

जयपुर
राजस्थान में सरकार के चार साल के कार्यकाल में राज्य में किसानों की उपज के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए नई गोदामों के निर्माण की घोषणा की गई। लेकिन गोदाम निर्माण के लिए सरकारी जमीन नहीं मिलने से गोदाम निर्माण की कवायद अटकी हुई है। राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने निगम के माध्यम से कुल 10.42 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों के निर्माण की घोषणाएं बजट में कीं। बजट घोषणाओं की पालना के साथ ही निगम के निर्माण कार्यक्रम के तहत अब तक कुल 12.50 लाख मीट्रिक टन में से 2.58 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। निगम के अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत ने बताया कि करीब 4.34 लाख मीट्रिक टन की भण्डारण क्षमता के गोदामों का निर्माण शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। 5.58 लाख मीट्रिक टन में से 2.58 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों के निर्माण लिए निविदा जारी कर दी गई हैं। बाकी बचे 3 लाख मीट्रिक टन की भण्डारण क्षमता के गोदामों के लिए भूमि आवंटन नहीं हुआ है। आवंटन प्रक्रियाधीन है।
पिछले साल की यह व्यवस्था
पिछले साल खरीफ वर्ष 2017-2018 में भी मुख्यमन्त्री के निर्देशानुसार किसानों से समर्थन मूल्य पर भारी मात्रा में मूंगफली, मूँग, उड़द एवं सोयाबीन की राजफैड एवं नेफैड की ओर से खरीद की गई थी। जिसके लिए निगम की ओर से लगभग 62.00 लाख बोरियों/कट्टों के भण्डारण की व्यवस्था की गई थी। खरीद किए गए स्टॉक का स्वयं के गोदामों एवं विभिन्न स्थानों पर गोदाम किराए पर लेकर भण्डारण की व्यवस्था की गई थी। ताकि किसानों को अधिक से अधिक उनकी उपज खरीद कर उनको लाभान्वित किया जा सके।
भंडारण पर किसानों को यह फायदा
राजस्थान राज्य भण्डारव्यवस्था निगम की ओर से राज्य में सामान्य श्रेणी के किसानों को उनकी कृषि उपज के निगम के गोदामों में भण्डारण करने पर संग्रहण शुल्क में 60 प्रतिशत की दर से छूट दी जाती है। जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के किसानों को 70 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। यह छूट केन्द्रीय भण्डारण निगम सहित अन्य सभी राज्य भण्डारव्यवस्था निगमों की तुलना में देश में सर्वाधिक है। किसानों को गोदामों में जमा उपज की वेयरहाउस रसीद पर विभिन्न सहकारी एवं अन्य बैंकों द्वारा ऋण प्रदान किए जाने की सुविधा भी उपलब्ध है।
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