यह संभव कर दिखाया हैं कृषि उपज मंडी समिति नोहर के सचिव पंडित विष्णु दत्त शर्मा ने, जो राजकीय सेवा में रहते हुए भी पिछले कथा वाचन के माध्यम से 20 सालों से प्रदेश की गोशालाओं को उद्योग शाला बनाने में जुटे हुए हैं। इनकी बनाई मशीन से प्रदेश की एक दर्जन गोशालाओं में ना सिर्फ गाय के गोबर से होली के बडकुले बनाए जा रहे हैं बल्कि धूपबत्ती, ईंटे, गोकाष्ठ, भगवान की मूर्तिंयां, एंटी रेडिएशन रक्षा सूत्र सहित कई उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे अब यह गोशालाएं स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं।
15 सेंकड में गोबर गणेश, एक मिनिट में 50 दीपक पंडित शर्मा ने बताया कि इस मशीन से मात्र 15 सेकंड में श्री गोबरिया गणेशजी और मां लक्ष्मी की प्रतिमा का निर्माण हो रही हैं। वहीं मशीन से एक मिनट में 50 दीपक बनना भी गौशालाओं को औद्योगिक इकाई बनाने का साधक लग रहा हैं।
एंटी रेडियशन बेज हो रहे तैयार इन गोशालों में बड़कूलों के साथ-साथ गोबर की ईंटों का निर्माण किया जा रहा हैं। वास्तु विशेषज्ञ किशन शर्मा के अनुसार नए मकान, दुकान, फैक्ट्री के निर्माण के समय
नींव में पांच गोबर की ईंट रखने से घर—परिवार व काम—धंधे में सुख शांति के साथ समृद्धि और हमेशा लक्ष्मी का स्थायी वास होता हैं। मोबाइल के बढ़ते रेडिएशन के खतरे को रोकने के लिए एन्टी रेडिएशन बेज तैयार किए जा रहे हैं। जो मोबाइल की हानिकारक किरणों के दुष्प्रभाव को शरीर में जाने से रोकेंगे।
नींव में पांच गोबर की ईंट रखने से घर—परिवार व काम—धंधे में सुख शांति के साथ समृद्धि और हमेशा लक्ष्मी का स्थायी वास होता हैं। मोबाइल के बढ़ते रेडिएशन के खतरे को रोकने के लिए एन्टी रेडिएशन बेज तैयार किए जा रहे हैं। जो मोबाइल की हानिकारक किरणों के दुष्प्रभाव को शरीर में जाने से रोकेंगे।
यहां बन रहे हैं गोबर के उत्पाद गोनंदी संरक्षण समिति जयपुर, श्री गोपाल गौशाला, किशनगढ़- रेनवाल, श्री नीलिया महादेव गौशाला चित्तौड़गढ़, श्री मोनी बाबा गौशाला तिजारा अलवर, ग्राम सेवा सहकारी समिति टिब्बी हनुमानगढ़, श्री पाबूजी गौ—संवर्धन संस्थान रायसिंहपुरा हनुमानगढ़,श्री राधे गोधाम श्योस़िंहपुरा जयपुर में गाय के गोबर का उद्योग के रूप में नवीन आधार विकसित किया जा रहा हैं जो आने वाले समय में कुंभकार एवं मजदूर वर्ग के लिए सहारा बनेगा।