हेरिटेज वॉक वे कॉरिडोर देशी-विदेशी पर्यटकों में हवामहल आकर्षण का केंद्र है। जिसके सामने के हवामहल बाजार में सवाई मानसिंह टाउन हॉल ( पुरानी विधानसभा), रामप्रकाश सिनेमा, अयोध्या पोल ( जलेब चौक प्रवेश द्वार) के साथ क्षेत्र के मंदिर और हवेलियां इसे हेरिटेज वॉक वे कॉरिडोर का दर्जा देते हैं ।
रजाई, मोजड़ी और दूध, चाय की दुकान फेस्टिवल के दौरान सैलानी जयपुरी रजाईयां, मोजडी, राजस्थान के परम्परागत लहंगा, चोली, बंधेज के कपडें, साफा बिक्री के लिए प्रदर्शित किया गया। कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखते हुए पर्यटकों ने जयपुर व राजस्थान के पारंपरिक खानपान जिसमें कढ़ाई का दूध और चरी में तैयार कुल्हड़ में चाय का स्वाद लिया।
ये हुए कार्यक्रम पुष्कर का नगाड़ा बैंड, लाइव म्यूजिक पर कथक प्रस्तुतियां, पाबूसर के कलाकारों का थाली नृत्य व ढोल वादन, गैर नृत्य, चंग की थाप पर थिरकते कलाकारों की यात्रा, बड़ी चौपड़ पर जयपुर ब्रास बैंड की प्रस्तुति, सवाई मानसिंह टाउन हॉल पर बैंड वादन, तोता पंडित, टैरो कार्ड रीडर, लाइव स्कैच बनाते कलाकार पर्यटकों में आकर्षण का केंद्र रहे।
जाने अपने हवामहल को हवा महल को सन 1799 ई. में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था इसे वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा डिजाइन किया गया। इसकी अद्वितीय पाँच-मंजिला इमारत में 953 बेहद खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियाँ हैं, जिन्हें झरोखा कहते हैं।
जालीदार झरोखों से सदा ठण्डी हवा, महल के भीतर आती रहती है, जिसके कारण तेज गर्मी में भी महल सदा वातानुकूलित रहता है। चूने, लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल जयपुर के व्यापारिक केंद्र के हृदयस्थल में मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह सिटी पैलेस का ही हिस्सा है और ज़नाना कक्ष या महिला कक्ष तक फैला हुआ है।