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पीएचईडी में अधिसूचना के विपरीत प्रमोशन,प्रभावितों को बनाया पक्षकार,सुनवाई 28 को

locationजयपुरPublished: May 23, 2020 08:02:04 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (PHED) पीएचईडी में (AEN) एईएन से (XEN) एक्सईएन के पदों पर (Promotion) पदोन्नति में सरकार की 11 सितंबर,2011 की (Notification)अधिसूचना के (Against) विपरीत (promotion) पदोन्नति देने के मामले में दो प्रभावितों को (party) पक्षकार बनाने की अर्जी मंजूर कर सुनवाई 28 मई को तय की है।

पीएचईडी में अधिसूचना के विपरीत प्रमोशन,प्रभावितों को बनाया पक्षकार,सुनवाई 28 को

पीएचईडी में अधिसूचना के विपरीत प्रमोशन,प्रभावितों को बनाया पक्षकार,सुनवाई 28 को

जयपुर
(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (PHED) पीएचईडी में (AEN) एईएन से (XEN) एक्सईएन के पदों पर (Promotion) पदोन्नति में सरकार की 11 सितंबर,2011 की (Notification)अधिसूचना के (Against) विपरीत (promotion) पदोन्नति देने के मामले में दो प्रभावितों को (party) पक्षकार बनाने की अर्जी मंजूर कर सुनवाई 28 मई को तय की है। न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह अंतरिम आदेश प्रार्थी सुनील कुमार बाकलीवाल की याचिका पर दिए।
एडवोकेट शोभित तिवाडी ने बताया कि राज्य सरकार की 11 सितंबर,2011 की अधिसूचना के अनुसार राज्य सेवाओं में एससी व एसटी की हिस्सेदारी किसी भी हाल में 16 और 12 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती। अधिसूचना के अनुसार आरक्षित वर्ग का व्यक्ति सामान्य या अनारक्षित वर्ग के पद पर पदोन्नत नहीं हो सकता। इसके साथ ही सरकार का 13 सितंबर,2013 के परिपत्र के अनुसार यदि आरक्षित वर्ग का व्यक्ति आरक्षण का लाभ लिए बिना ही अनारक्षित से वरिष्ठ है तो उसे केवल इस आधार पर पदोन्न्ति से वंचित नहीं किया जा सकता कि रिक्ति अनारक्षित वर्ग की है। इस संबंध में पीएचईडी ने भी एक स्पष्टीकरण जारी कर दिया था। इसके बावजूद विभाग ने 2018—2019 में एईएन से एक्सईएन के पदोन्नति 11 पदों पर अनारक्षित वर्ग के अधिकारियों को पदोन्नत कर दिया था,जबकि इन रिक्त्यिों में आरक्षित वर्ग के मात्र दो पद थे।
याचिकाकर्ता ने विभाग की इस कार्रवाई को राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में चुनौती दी थी,लेकिन अधिकरण ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई तो हाईकोर्ट ने 2018—2019 के पदोन्नति पाने वालों को पोस्टिंग देने पर रोक लगा दी थी और सरकार सहित सभी पक्षों से जवाब मांगा था। अब पदोन्नति पाने वाले दो प्रभावितों ने पक्षकार बनने की गुहार लगाई थी,याचिकाकर्ता की ओर से इसका विरोध नहीं करने पर कोर्ट ने उन्हें पक्षकार बनने की अनुमति देकर सुनवाई 28 मई को तय की है।

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