भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव
- निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहाः पूनिया के आचरण से विधानसभा की छवि हुई धूमिल
- राज्य सभा चुनाव के बाद फिर प्रदेश की सियासत में उबाल

जयपुर।
प्रदेश में राज्यसभा चुनाव का रण अब थम गया है लेकिन चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा दिए गए बयानों से प्रदेश की सियासत फिर से उबल रही है। राज्यसभा चुनाव में बाडेबंदी के दौरान 23 विधायकों को वोट के बदले खान,रीको में प्लॉट देने और कैश ट्रांजेक्शन करने के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बयान के बाद रविवार को निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधान सभा सचिव प्रमिल कुमार माथुर सौंपा।
निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव में कहा है कि विधायक के रूप में विधानसभा की सार्वभौमिकता व प्रतिष्ठा बनाये रखना उनका कर्तव्य है। राज्य विधानसभा के 23 सदस्यों के खिलाफ बिना नाम जाहिर किये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने झूठे आरोप लगाये। इससे राज्य विधानसभा की प्रतिष्ठा को धूमिल हुई है। बिना किसी प्रमाण के सदस्यों के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाना पूरी तरह गलत है। पूनिया ने अपने इस आचरण से राज्य विधानसभा व उनके सदस्यों के विषेशाधिकार का हनन किया है।
अपने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के साथ विधायक संयम लोढ़ा ने अपने नोटिस में राज्य विधानसभा प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 157, 158, 159 का उल्लेख किया हैं । इसके साथ संसदीय इतिहास में विशेषाधिकार हनन के संबंध में हुए मामलों का विवरण एवं उनके निर्णय की प्रति भी विधान सभा सचिव प्रमिल कुमार माथुर को सौंपी।
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