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उद्योगों का तीन महीने का बिजली का स्थाई शुल्क माफ करने का प्रस्ताव

locationजयपुरPublished: Jun 11, 2020 11:05:17 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

उद्यमों के लिए गठित टास्क फोर्स ने उद्योगों की बिजली से संबंधित समस्याओं पर गंभीरता से विचार के बाद बिजली के तीन महीने के स्थाई शुल्क (30.जून 2020 तक) पूर्णतः माफ करने, बिजली के बिलों का निर्धारण मार्च 2020 के आधार पर करने, माह अप्रेल-मई, 2020 के विद्युत बिलों में कम विद्युत खपत की पेनल्टी माफ करने, बिजली की कम दरों का लाभ लेने के लिए लॉकडाउन अवधि में लोड फैक्टर की गणना कान्ट्रेक्ट डिमाण्ड के स्थान पर वास्तविक डिमाण्ड से करने की अनुशंषा की है।

उद्योगों का तीन महीने का बिजली का स्थाई शुल्क माफ करने का प्रस्ताव

उद्योगों का तीन महीने का बिजली का स्थाई शुल्क माफ करने का प्रस्ताव

उद्योगों का तीन महीने का बिजली का स्थाई शुल्क माफ करने का प्रस्ताव
बिलों की राशि का निर्धारण मार्च 2020 के आधार पर
पानी का मीटर किराया और स्थाई शुल्क माफ करने का प्रस्ताव
जयपुर
उद्यमों के लिए गठित टास्क फोर्स ने उद्योगों की बिजली से संबंधित समस्याओं पर गंभीरता से विचार के बाद बिजली के तीन महीने के स्थाई शुल्क (30.जून 2020 तक) पूर्णतः माफ करने, बिजली के बिलों का निर्धारण मार्च 2020 के आधार पर करने, माह अप्रेल-मई, 2020 के विद्युत बिलों में कम विद्युत खपत की पेनल्टी माफ करने, बिजली की कम दरों का लाभ लेने के लिए लॉकडाउन अवधि में लोड फैक्टर की गणना कान्ट्रेक्ट डिमाण्ड के स्थान पर वास्तविक डिमाण्ड से करने की अनुशंषा की है।
इसी तरह से सोलर कैप्टिव पावर प्लांट से बिजली उत्पादन एवं उसको स्वयं के कारखाने में उपयोग करने पर वाणिज्य कर विभाग द्वारा वर्ष 2020-2021 के विद्युत शुल्क छूट की अधिसूचना शीघ्र जारी करने, कैप्टिव पावर प्लान्ट से उत्पादित विद्युत लॉकडाउन के कारण इकाइयों के उपयोग में नहीं आई एवं राज्य के ग्रिड में चली गई, जिसका के्रडिट उद्योगों को आगामी महीने में देय है को तथा उद्योगों के लिए रात्रिकालीन विद्युत शुल्क को कम तथा नए कनेक्शन और मौजूदा लोड एक्सटेंशन के लिए विद्युत् वितरण निगमों के पास जमा कराई जाने वाली राशि में छूट देने के साथ ही पेयजल का स्थाई शुल्क, मीटर किराया 3 महीने के लिए वसूल नहीं करने और उपभोग की वास्तविक राशि की वसूली करने का प्रस्ताव टास्क फोर्स ने दिया है।
टास्कफोर्स ने राज्य के वाणिज्य कर विभाग मेें बकाया जीएसटी रिफण्ड का शीघ्र भुगतान करने को कहा है।टास्क फोर्स ने शहरी क्षेत्र में औद्योगिक प्रयोजनार्थ घोषित भूमि पर अकृषि प्रयोजनार्थ रूपान्तरण की आवश्यकता समाप्त करने, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा कंसेट ऑफ एस्टाब्लिस एण्ड कंसेट टू आपरेट की अवधि में एक वर्ष हेतु स्वतः वृद्धि करने, कृषि-प्रसंस्करण एवं कृषि-विपणन इकाईयों की स्थापना, पर्यटन इकाई के अन्तर्गत एम्यूजमेंट पार्क, रिसोर्ट, मोटल प्रयोजनार्थ प्रीमियम दर भूखण्ड के क्षेत्रफल के स्थान पर भू-आच्छादन क्षेत्र पर फार्म हाउस के लिए निर्धारित की गई दर पर लेने की अनुशंषा भी की है।
राज्य सरकार द्वारा गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में कोविड-19 के कारण प्रभावित पर्यटन और होटल उद्योग को भी संजीवनी देने के कदम उठाए हैं। कोविड-19 के पश्चात्वर्ती परिस्थितियों में पर्यटन सेक्टर को थ्रस्ट सेक्टर में सम्मिलित करते हुए रिप्स 2019 के तहत सभी देय करों, वैट, स्टाम्प ड्यूटी आदि में रियायतें, निर्यात प्रोत्साहन, रोजगार के अवसर, अनुदान इत्यादि पर्यटन क्षेत्र को प्रदान किए जाएंगे। इसी तरह से रिप्सके तहत लाभों का एक वर्ष के लिए विस्तार,पर्यटन इकाईयों को औद्योगिक दर पर विद्युत व्यय को वाणिज्यिक के स्थान पर औद्योगिक दर लिए जाने का प्रस्ताव दिया है।
पर्यटन क्षेत्र को सबसे बड़ी राहत
लॉक डाउन अवधि में पर्यटन स्थलों के पंजीकृत गाइड्स, नेचर गाइड्स, ऊँट व जीप सफारी चालकों, ऊँट गाड़ी मालिकों तथा स्थानीय लोक कलाकारों को जीविका निर्वहन अनुदान की सिफारिश की है। इसमें कुल 5475 लोगों के लिए तीन महीने के 4500 रुपए के हिसाब से 1500 रू. प्रतिमाह 3 महीने के लिए सीधे बैंक खाते में, कुल 2.50 करोड़ की जरूरत होगी। इस तरह से राज्य सरकार से पंजीकृत पर्यटन इकाईयों में स्थायी रूप से कार्यरत निचले स्तर के कार्मिकों को निर्वहन भत्ता देने के लिए 1500 रुपए प्रति माह-कुल तीन महीने के लिए जीविका-निर्वहन भत्ते के रूप में सहायता के लिए 75 करोड़ का बजट प्रावधान किए जाना का प्रस्ताव दिया है। यह सहयोग राशि पंजीकृत पर्यटन इकाई को ऋण के रूप में भी दी जा सकती है। इसके साथ ही सभी इकाइयों की लाइसेंस अवधि एक वर्ष बढ़ाने, आगामी एक वर्ष के लिए एसजीएसटी का 100 पुनर्भरण, सड़क परमिट शुल्क की आगामी एक वर्ष तक शतप्रतिशत निर्मुक्ति, आबकारी शुल्क में आगे 25 फीसदी की कमी आदि महत्वपूर्ण अनुशंषाएं की है।
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