लॉक डाउन अवधि में पर्यटन स्थलों के पंजीकृत गाइड्स, नेचर गाइड्स, ऊँट व जीप सफारी चालकों, ऊँट गाड़ी मालिकों तथा स्थानीय लोक कलाकारों को जीविका निर्वहन अनुदान की सिफारिश की है। इसमें कुल 5475 लोगों के लिए तीन महीने के 4500 रुपए के हिसाब से 1500 रू. प्रतिमाह 3 महीने के लिए सीधे बैंक खाते में, कुल 2.50 करोड़ की जरूरत होगी। इस तरह से राज्य सरकार से पंजीकृत पर्यटन इकाईयों में स्थायी रूप से कार्यरत निचले स्तर के कार्मिकों को निर्वहन भत्ता देने के लिए 1500 रुपए प्रति माह-कुल तीन महीने के लिए जीविका-निर्वहन भत्ते के रूप में सहायता के लिए 75 करोड़ का बजट प्रावधान किए जाना का प्रस्ताव दिया है। यह सहयोग राशि पंजीकृत पर्यटन इकाई को ऋण के रूप में भी दी जा सकती है। इसके साथ ही सभी इकाइयों की लाइसेंस अवधि एक वर्ष बढ़ाने, आगामी एक वर्ष के लिए एसजीएसटी का 100 पुनर्भरण, सड़क परमिट शुल्क की आगामी एक वर्ष तक शतप्रतिशत निर्मुक्ति, आबकारी शुल्क में आगे 25 फीसदी की कमी आदि महत्वपूर्ण अनुशंषाएं की है।