-सुशासन के संकल्प में एसीबी की बड़ी भूमिका मुख्यमंत्री ने ब्यूरो को भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार के संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन देने के संकल्प में एसीबी की बड़ी भूमिका है। ब्यूरो अपनी इंटेलीजेंस ङ्क्षवग को और अधिक चौकस बनाकर अधिक मजबूती के साथ काम करे।
-अधिकारी ऑनलाइन करें संपत्तियों की घोषणा गहलोत ने सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी लगाने की व्यवस्था को पुख्ता बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि अखिल भारतीय सेवा, राज्य सेवा सहित राजपत्रित अधिकारियों की ओर से प्रतिवर्ष की जाने वाली ऑनलाइन संपत्ति की घोषणा को सभी सरकारी कार्मिकों के लिए भी अनिवार्य किया जाए। इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी तथा आय से अधिक संपत्ति के मामलों को उजागर करने में एसीबी को मदद भी मिलेगी।
-शिकायतकर्ता का नाम रखा जाए गुप्त उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत के लिए एसीबी की हेल्पलाइन 1064 के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार पर जोर देते हुए कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में इस हेल्पलाइन की जानकारी देने वाले पोस्टर चस्पा किए जाएं। शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाए। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को उचित संरक्षण दिया जाए, ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
-ट्रैप की कार्रवाई में राजस्थान दूसरे स्थान पर बैठक में एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की रही है। इसी को आधार मानते हुए एसीबी ने पिछले करीब पौने दो साल में ट्रैप की 500 से अधिक काररवाइयों अंजाम दिया है। इस मामले में राजस्थान देशभर में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि ट्रेप के मामलों में सजा का औसत 54 प्रतिशत रहा है। प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार तथा एडीजी एसीबी एम.एन. दिनेश ने भी विचार व्यक्त किए।