हालांकि यहां धरना में महिलाएं दोपहर तीन बजे से जुटना शुरु होती हैं। शहीद स्मारक पर चल रहे धरने के आयोजकों ने ही करबला मैदान में धरना शुरु कराया है। करबला मैदान में धरना शुरू होने से प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। इसकी वजह ये है कि करबला मैदान में चल रहे धरने से ट्रेफिक व्यवस्था नहीं बिगड़ेगी।
अल्बर्ट हॉल के धरने को हुए 51 दिन
वहीं सीएए-एनआरसी के विरोध में अल्बर्ट हॉल के बाहर रोजाना शाम 6.30 बजे रात 8 बजे तक चलने वाले धरने को शुक्रवार को 51 दिन हो गए। सीएए, एनआरसी और एनपीआर को खत्म करने की मांग को लेकर अल्बर्ट हॉल पर हर रोज प्रदर्शन किया जाता है।
प्रदर्शन को लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है की जब तक सीएए, एन आर सी और एनपीआर वापस नहीं लिया जाएगा, ये प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा। गौरतलब है कि सीएए-एनआरसी को वापस लेने की मांग को लेकर देशभर में कई जगह धरने चल रहे हैं। प्रदेश में जयपुर और टोंक में इसके विरोध में कई जगह अनिश्चितकालीन धरने चल रहे हैं।