माना जा रहा है तकरीबन 200 से ज्यादा समर्थक जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर राजेंद्र त्रिवेदी को ही टिकट देने की मांग करेंगे। राजेंद्र त्रिवेदी गुट से जुड़े नेताओं का कहना है कि टिकट के लिए रायशुमारी के दौरान जितने भी सर्वे हुए और पर्यवेक्षकों की ओर से जो रिपोर्ट तैयार की गई थी उसमें भी राजेंद्र त्रिवेदी को ही सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बताया गया था लेकिन बावजूद इसके एन वक्त पर उनकी जगह गायत्री देवी को टिकट दिया गया है, जिससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ी है।
पार्टी को हो सकता है नुकसान
वहीं दूसरी ओर अगर राजेंद्र त्रिवेदी और उनके समर्थकों की नाराजगी दूर करने में कांग्रेस असफल रही तो चुनाव में कांग्रेस को यहां नुकसान उठाना पड़ सकता है। गौरतलब है कि दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी के निधन से खाली हुई सहाड़ा सीट पर कैलाश त्रिवेदी के बेटे रणवीर त्रिवेदी और उनके भाई राजेंद्र त्रिवेदी टिकट के दावेदार माने जा रहे थे लेकिन परिवार में सहमति नहीं बनने के बाद पार्टी आलाकमान ने दिवंगत विधायक की पत्नी को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया।