कम मूल्यांकन के कारण पीएसयू शेयर हो रहे हैं आकर्षक
जानकारों के मुताबिक फंड मैनेजर एक्टिव फंडों में बेहतर रिटर्न देने में प्रमुख निभा सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को इनवेस्को इंडिया पीएसयू इक्विटी जैसे फंडों में निवेश के बारे में सोचना चाहिए। यह पीएसयू फंडों में भागीदारी का एक उत्तम अवसर है। भारत में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से 25 बड़ी कंपनियों में से 5 सरकारी कंपनियां हैं और कुल सरकारी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण पर 12 फीसदी हिस्सा है, जबकि निफ्टी की 50 कंपनियों में से 8 सरकारी कंपनियां हैं।
फंड मैनेजरों का मानना है कि आगे चलकर सरकारी कंपनियों में विनिवेश से इनको फायदा हो सकता है। इस समय देखा जाए तो ज्यादातर सरकारी कंपनियों के मूल्यांकन सस्ते हैं और इनका अच्छा कॉर्पोरेट गवर्नेंस है। साथ ही विनिवेश या रणनीतिक बिक्री से इनके मूल्यों में तेजी आ सकती है। सरकार के पास इस समय मजबूत बहुमत है जिससे वे इसे पूरा कर सकती है।
अर्थ लाभ डॉटकॉम के मुताबिक एसएंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स इस समय 10.11 के पीई पर कारोबार कर रहा है जो 10 साल के 12.01 के औसत से 20 फीसदी डिस्काउंट पर है, जबकि प्राइस टु बुक देखें तो यह 0.81 पर कारोबार कर रहा है, जो 10 साल का औसत 1.61 रहा है। इसकी तुलना में एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स 22.68 पर कारोबार कर रहा है और हाल में सेंसेक्स के स्तर से पीएसयू इंडेक्स 55 फीसदी डिस्काउंट पर कारोबार कर रहा है।
सेंसेक्स का प्राइस टु बुक देखें तो यह 2.88 पर कारोबार कर रहा है जिसका अर्थ यह हुआ कि पीएसयू इंडेक्स के लिए वर्तमान स्तर से यह 72 फीसदी डिस्काउंट पर है। फंड मैनेजरों के मुताबिक अधिकतर सरकारी कंपनियों का पुनर्गठन हो रहा है और कुछ के शेयर तो स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्धता के बाद बेहतर प्रदर्शन किए हैं जिसमें आईआरसीटीसी वर्तमान में सबसे बेहतर रिटर्न दिया है। इन कंपनियों का बिजनेस मॉडल अनोखा है। सरकार इस समय बीपीसीएल को बेचने की प्रक्रिया में जबकि कंटेनर कॉर्पोरेशन में भी वैश्विक और घरेलू कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही हैं।