scriptपीटीआई ग्रेड थर्ड 2013 का मामला…आरपीएससी पर एक लाख रुपए जुर्माना | PTI Grade Third 2013 case ... RPSC fined one lakh rupees | Patrika News

पीटीआई ग्रेड थर्ड 2013 का मामला…आरपीएससी पर एक लाख रुपए जुर्माना

locationजयपुरPublished: May 18, 2018 12:50:13 pm

Submitted by:

KAMLESH AGARWAL

पीटीआई ग्रेड थर्ड 2013 का मामला…आरपीएससी पर एक लाख रुपए जुर्माना

pti

आरपी बोहरा/जोधपुर. दो से अधिक संतान होने पर राज्य सरकार को अनुकंपा नौकरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। यह आदेश राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग व न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ ने सरकार की अपील स्वीकार करते हुए शुक्रवार को दिया। खंडपीठ ने इस मामले में एकलपीठ के आदेश को अपास्त कर दिया। खंडपीठ ने तीन बच्चे होने पर आवेदक को अनुकंपा नौकरी देने के योग्य नहीं माना है। एएजी लदरेचा ने उच्च न्यायालय को सुनवाई के दौरान बताया कि एकलपीठ ने तीनों अप्रार्थी को अनुकंपा नौकर

जयपुर।


राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी और राज्य सरकार पर एक लाख रुपए जुर्माना लगा दिया। पीटीआई ग्रेड थर्ड मामले में प्रतीक्षा सूची में भी मेरिट के आधार पर नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। आज मामले में आरपीएससी सचिव और शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव कोर्ट में पेश हुए।
एडवोकेट आरपी सैनी ने बताया कि पीटीआई ग्रेड थर्ड भर्ती 2013 के मामले में आज जस्टिस वीएस सराधना की कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश पर आज आरपीएससी सचिव और शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने भर्ती में रिक्त रहे पदों पर प्रतीक्षा सूची में मेरिट के आधार पर नियुक्ति नहीं देने पर सवाल किए। सरकार और आरपीएससी के जवाब से असंतुष्ठ रहने पर कोर्ट ने एक लाख रुपए जुर्माना लगाते हुए कहा कि भर्ती में रिक्त रहे पदों पर प्रतीक्षा सूची के आधार पर भर्ती होनी चाहिए और इसमें मेरिट का ध्यान रखा जाना चाहिए।
मनमर्जी की नियुक्त
अभ्यर्थियों को आरोप है कि भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी होता है और एक प्रतीक्षा सूची तैयार होती है यही से अधिकारी मनमानी करते हैं और प्रतीक्षा सूची में आने वाले अभ्यर्थियों में मेरिट देखने की जगह पर पसंद के उम्मीदवार को नियुक्ती देते हैं। हाईकोर्ट ने इसको गंभीरता से लेकर मेरिट के आधार पर नियुक्ति देने के आदेश दिए।
मेरिट में आरक्षण का ध्यान रखें

एडवोकेट सैनी ने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि प्रतीक्षा सूची में नियुक्ति के समय आरक्षण की स्थिति को ध्यान रखा जाना चाहिए। यानि प्रतीक्षा सूची की मेरिट में आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार आ रहा है तो उसको सामान्य वर्ग में नियुक्ति का पात्र है तो उसे सामान्य वर्ग में मानते हुए नियुक्ति दे। इसी के साथ अब एक बार फिर से आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। आरपीएससी के प्रश्न उत्तर और प्रश्न पत्र लीक होने की शिकायतों के साथ परिणाम के बाद भी तीन तीन साल तक नियुक्ति नहीं हो रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो