पर्सनली होते हैं कनेक्ट
देखा जाए तो पीआर अपने नेचर में पर्सनल होती है क्योंकि इसके जरिए कस्टमर को बिजनेस और आपके बारे में बता चलता है और वे सीधे आपसे जुड़ते हैं। आप उनके साथ सीधे कम्यूनिकेट कर सकते हैं। सभी बड़े ब्रांड कस्टमर के साथ रिलेशन मजबूत करने से ही बने हैं। आपको यह ध्यान रखना होगा कि ये रिलेशन आपके क्लाइंट बना सकते हैं या तोड़ सकते हैं। इसलिए उन पर ट्रस्ट कायम करें और बिजनेस में आगे बढ़ें।
देखा जाए तो पीआर अपने नेचर में पर्सनल होती है क्योंकि इसके जरिए कस्टमर को बिजनेस और आपके बारे में बता चलता है और वे सीधे आपसे जुड़ते हैं। आप उनके साथ सीधे कम्यूनिकेट कर सकते हैं। सभी बड़े ब्रांड कस्टमर के साथ रिलेशन मजबूत करने से ही बने हैं। आपको यह ध्यान रखना होगा कि ये रिलेशन आपके क्लाइंट बना सकते हैं या तोड़ सकते हैं। इसलिए उन पर ट्रस्ट कायम करें और बिजनेस में आगे बढ़ें।
ब्रांड क्रेडेबिलिटी बढ़ती है
विज्ञापन में आपका ग्राफिक्स से लेकर विज्ञापन कहां लगेगा, इस तक पर कंट्रोल होता है। लिहाजा इस माध्यम में आप अपनी मर्जी से प्रचार-प्रसार कर सकते हैं लेकिन पीआर के जरिए प्रचार में ब्रांड कम्युनिकेशन इस बात पर निर्भर करता है कि आपके मीडिया पर्सन्स से रिश्ते कैसे हैं। आपको उन्हें अपने प्रॉडक्ट और ब्रांड के बारे में हर चीज ऑथेंटिक तरीके से समझानी पड़ती है, हर चीज का प्रमाण देना होता है क्योंकि कस्टमर भी विज्ञापन से कहीं ज्यादा समाचार पर भरोसा करता है। मीडिया पर्सन्स अपने पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं को कोई भी गलत जानकारी देने से बचते हैं क्योंकि इससे उनके ब्रांड की छवि को धक्का पहुंचता है। इसलिए पीआर के जरिए जाने वाली जानकारी पर कस्टमर का भरोसा कभी नहीं टूटता।
विज्ञापन में आपका ग्राफिक्स से लेकर विज्ञापन कहां लगेगा, इस तक पर कंट्रोल होता है। लिहाजा इस माध्यम में आप अपनी मर्जी से प्रचार-प्रसार कर सकते हैं लेकिन पीआर के जरिए प्रचार में ब्रांड कम्युनिकेशन इस बात पर निर्भर करता है कि आपके मीडिया पर्सन्स से रिश्ते कैसे हैं। आपको उन्हें अपने प्रॉडक्ट और ब्रांड के बारे में हर चीज ऑथेंटिक तरीके से समझानी पड़ती है, हर चीज का प्रमाण देना होता है क्योंकि कस्टमर भी विज्ञापन से कहीं ज्यादा समाचार पर भरोसा करता है। मीडिया पर्सन्स अपने पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं को कोई भी गलत जानकारी देने से बचते हैं क्योंकि इससे उनके ब्रांड की छवि को धक्का पहुंचता है। इसलिए पीआर के जरिए जाने वाली जानकारी पर कस्टमर का भरोसा कभी नहीं टूटता।
पॉजिटिव कस्टमर बनते हैं
बहुत से फाउंडर्स को यह समझने में मुश्किल होती है कि पीआर कैसे काम करता है। दरअसल पीआर ब्रांड और कस्टमर के बीच पुल का काम करती है। मीडिया कवरेज से कस्टमर तक सारी चीजें कम्यूनेट होती हैं और उन्हें सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें सही जानकारी मिल रही है। एक बार जानकारी के बारे में भरोसा होने पर वह आपके ब्रांड में भरोसा करता है और आपका कस्टमर बन जाता है।
बहुत से फाउंडर्स को यह समझने में मुश्किल होती है कि पीआर कैसे काम करता है। दरअसल पीआर ब्रांड और कस्टमर के बीच पुल का काम करती है। मीडिया कवरेज से कस्टमर तक सारी चीजें कम्यूनेट होती हैं और उन्हें सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें सही जानकारी मिल रही है। एक बार जानकारी के बारे में भरोसा होने पर वह आपके ब्रांड में भरोसा करता है और आपका कस्टमर बन जाता है।