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आलाकमान को चुनौती देने वाले गहलोत का अमरिंदर को अंतरात्मा को सुनने की बात कहना हास्यापद-राठौड़

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2021 05:21:19 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि गहलोत ने 14 महीने में 14 बार कांग्रेस आलाकमान के प्रतिनिधियों को बैरंग लौटाकर मंत्रिमंडल का पुनर्गठन नहीं किया। अब उनका पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को देश और पार्टी की दुहाई देकर अंतरात्मा को सुनने की बात कहना हास्यास्पद है।

आलाकमान को चुनौती देने वाले गहलोत का अमरिंदर को अंतरात्मा को सुनने की बात कहना हास्यापद-राठौड़

आलाकमान को चुनौती देने वाले गहलोत का अमरिंदर को अंतरात्मा को सुनने की बात कहना हास्यापद-राठौड़

जयपुर।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि गहलोत ने 14 महीने में 14 बार कांग्रेस आलाकमान के प्रतिनिधियों को बैरंग लौटाकर मंत्रिमंडल का पुनर्गठन नहीं किया। अब उनका पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को देश और पार्टी की दुहाई देकर अंतरात्मा को सुनने की बात कहना हास्यास्पद है।
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को यह संदेश दे रहे हैं कि विधायकों और आमजन के अनुसार कई बार आलाकमान को नेतृत्व परिवर्तन करना पड़ता है, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष और खुद की पार्टी के करीब 2 दर्जन से ज्यादा विधायकों की सलाह को पूरी तरह दरकिनार करके मंत्रिमंडल का पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियां भी नहीं करने पर अड़े हैं। राठौड़ ने कहा कि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और कुछ राजनीतिक नियुक्तियां लंबे समय से अटके रहना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कांग्रेस में अंतर्कलह इस कदर बढ़ गई है कि कांग्रेस रूपी जहाज कभी भी डूब सकता है। राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के भीतर लावा लगातार उबल रहा है। पंजाब में तो कांग्रेस के भीतर का लावा ज्वालामुखी का रूप ले चुका है, अब बारी राजस्थान की है।
पंजाब से घटनाक्रम से सीएम में भय

राठौड़ ने कहा कि पंजाब के सियासी घटनाक्रम ने गहलोत की ‘स्वयंभू’ और एकछत्र राज की धारणा को तोड़ दिया है। उनमें यह भय व्याप्त हो गया है कि कहीं पंजाब का घटनाक्रम राजस्थान में ना हो जाए। इसीलिए अब गहलोत जो लगातार हाईकमान को चुनौती दे रहे थे और नजरअंदाज करने में लगे हुए थे, वहीं अब कांग्रेस हाईकमान को सर्वोच्च मानकर उनके निर्देशों की पालना करने की सीख अमरिंदर सिंह को दे रहे हैं।

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