scriptपानी की एक बूंद गिरी और देखते ही देखते बन गई विशाल झील | Pushkar Lake News | Patrika News

पानी की एक बूंद गिरी और देखते ही देखते बन गई विशाल झील

locationजयपुरPublished: Mar 05, 2020 03:18:15 pm

Submitted by:

deepak deewan

मान्यता है कि बद्रीनारायण, जगन्नाथ, रामेश्वरम, द्वारका धामों की यात्रा करने वाले किसी तीर्थयात्री की यात्रा तब तक पूर्ण नहीं होती जब तक वह झील के पवित्र जल में स्नान नहीं कर लेता।

Pushkar Lake News

Pushkar Lake News

जयपुर।
राजस्थान में अजमेर के पास तीर्थराज पुष्कर स्थित है। पुष्कर मंदिरों और झीलों के लिए प्रसिद्घ है। इसे भगवान ब्रह्मा का निवास स्थान भी कहा जाता है। भगवान ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर भी यहीं है जिसके लिए पुष्कर पूरे विश्व में जाना जाता है। यह हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थो में से एक है।
हिन्दू धर्म ग्रन्थों के अनुसार भगवान ब्रह्मा त्रिदेवों में से एक देव हैं। ब्रहृमाजी ने ही संसार की रचना की थी। वे शापित हो गए कि पृथ्वी के लोग उन्हें भुला देंगे और उनकी कभी पूजा नहीं होगी। बाद में शाप को शिथिल करते हुए कहा गया कि ब्रह्माजी केवल पुष्कर में पूजे जाएंगे। इसी कारण ब्रह्माजी का पूजन करने देश—दुनिया के लोग यहां आते हैं। यहां स्थित ब्रहृमा मंदिर में दर्शन और पूजन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं. मन्दिर के बगल में ही एक मनोहर झील है जिसे पुष्कर झील के नाम से जाना जाता है। यहां आनेवाले श्रदृधालु इस पवित्र झील में डुबकी लगाते हैं। इसका बनारस में गंगा स्नान या प्रयाग में संगम स्नान की तरह ही महत्व है। मान्यता है कि बद्रीनारायण, जगन्नाथ, रामेश्वरम, द्वारका धामों की यात्रा करने वाले किसी तीर्थयात्री की यात्रा तब तक पूर्ण नहीं होती जब तक वह पुष्कर के पवित्र जल में स्नान नहीं कर लेता।
पुष्कर झील की उत्पत्ति की पौराणिक कथा
पद्म पुराण में उल्लेखित है कि यज्ञ के स्थान को सुनिश्चित करते समय ब्रह्माजी के हाथ से कमल का फूल पृथ्वी पर गिर पड़ा। इस फूल के साथ पानी की तीन बूदें पृथ्वी पर गिरीं, जिसमें एक बूंद पुष्कर में गिर गयी। इसी बूंद से पुष्कर झील का निर्माण हुआ। विद्वानों के अनुसार पुष्कर का शाब्दिक अर्थ भी यही है— ऐसा तालाब जिसका निर्माण फूल से हुआ हो।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो