पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने कहा कि मेरे क्षेत्र में बिजली के पोल लगे हुए हैं। पिछले सवा साल से बिजली के पोलों में करंट काफी कम आ रहा है, लेकिन जब बिल आते हैं तो लोगों को करंट लग रहा है। राज्य सरकार चाहें घरेलू, कॉमर्शियल और कृषि तीनों श्रेणियों में बिलों में लगातार वृद्धि कर रही है, पर विद्युत आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान का किसान और गरीब आदमी ओलावृष्टि और कोरोना की मार से मर रहा है, लेकिन सरकार कभी फुल चार्ज के नाम से तो कभी सरचार्ज के नाम पर लगातार बिजली के दामों में वृद्धि कर रही है।
उन्होंने कहा कि किसानों को दिखावे के लिए एक तरफ तो कहा जा रहा है कि आपका बढ़ावा बिल सरकार वहन कर रही है। दूसरी ओर किसानों की पीसीआर भर—भरकर कई गुणा बिल उनके पास भेजकर उन्हें लूटने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए मैं विधानसभा में खंभा लेकर आया। सरकार का इस ओर ध्यान आकृर्षित करना चाहता हूं कि किसानों और गरीब लोगों को राहत दें और बढ़ी हुई दरें वापस लें। मेरा उद्देश्य सरकार को बताना है कि बिलों में करंट आ रहा है तारों में नहीं आ रहा है। ये सारे बिल मेरे को पुष्कर विधानसभा के किसानों ने दिए है।