सूत्रों के अनुसार बोर्ड बैठक में तय हुआ कि लंबे समय तक पार्टी के किसी नेता को एक ही पद पर नहीं रहने दिया जाए। ताकि कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाए कि भाजपा में हर नेता का महत्व है।
वहीं राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नेता प्रतिपक्ष न बनाकर लोकसभा के मद्देनजर कोई और जिम्मेदारी दिए जाने पर संसदीय बोर्ड ने सहमति जताई है। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है की राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा। बता दें कि प्रदेश में कई दिग्गजों के नाम सामने आ रहे हैं जो नेता प्रतिपक्ष के लिए चुने जा सकते हैं।
बोर्ड के फैसले के बाद नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में कई नेता लगे हुए हैं। इनमे गुलाब चंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, नरपत सिंह राजवी, वासुदेव देवनानी प्रमुख हैं। हालांकि, राजे की मंजूरी के बिना नेता प्रतिपक्ष बनाना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा।