राधा अष्टमी का मुख्य आयोजन गोविंददेवजी मंदिर में होगा। हालांकि श्रद्धालु राधे रानी के अभिषेक और झांकी के दर्शन ऑनलाइन कर सकेंगे। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह 4.45 से 5 बजे तक तिथि पूजा पूजा होगी। इसके बाद प्रियाजी का 21 लीटर दूध, 11 किलो दही, 1 किलो घी, 5 किलो बूरा और 500 ग्राम शहद से तैयार पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान गोविंद मिश्र वेद पाठ करेंगे। ठाकुरजी और किशोरीजी को पीली पोशाक धारण कराकर विशेष अलंकरण धारण कराए जाएंगे। फूलों के श्रृंगार के साथ छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी। राधा रानी को पंजीरी के लड्डू, मावे की बर्फी और पंजीरी का विशेष भोग लगाया जाएगा। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह धूप झांकी खुलने पर ठाकुर जी का अधिवास पूजन होगा और छप्पन भोग के दर्शन होंगे। श्रृंगार झांकी के बाद राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कपड़े, फल, टॉफी आदि अर्पित किए जाएंगे। गोविंददेवजी मंदिर परिसर को राधाष्टमी के उपलक्ष्य में बांदरवाल से सजाया गया है। वहीं गोविंददेवजी मंदिर के मातहत राधा माधव, नटवर जी, कुंज बिहारी जी, गोपाल जी नागा, गोपाल जी तालाब, मुरली मनोहर जी, गोपाल जी रोपाड़ा में भी राधाष्टमी सादगीपूर्वक मनाई जाएगी।