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राधा अष्टमी 26 को, राधेरानी का होगा जन्माभिषेक

locationजयपुरPublished: Aug 24, 2020 09:46:44 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

भाद्रपद शुक्ल अष्टमी पर बुधवार को सर्वार्थसिद्धि योग में राधा अष्टमी (Radha Ashtami) मनाई जाएगी। शहर के श्रीकृष्ण मंदिरों में राधेरानी का जन्माभिषेक होगा। वहीं बधाई गायन के आयोजन होंगे। मंदिरों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर पाबंदी होने से राधा रानी का प्राकट्योत्सव सादगी से मनाया जाएगा। राधा अष्टमी का मुख्य आयोजन गोविंददेवजी मंदिर में होगा। हालांकि श्रद्धालु राधे रानी के अभिषेक और झांकी के दर्शन ऑनलाइन कर सकेंगे।

राधा अष्टमी 26 को, राधेरानी का होगा जन्माभिषेक

राधा अष्टमी 26 को, राधेरानी का होगा जन्माभिषेक

राधा अष्टमी 26 को, राधेरानी का होगा जन्माभिषेक
— मुख्य आयोजन गोविंददेवजी मंदिर में
— सादगी से मनाएंगे राधा रानी का प्राकट्योत्सव

जयपुर। भाद्रपद शुक्ल अष्टमी पर बुधवार को सर्वार्थसिद्धि योग में राधा अष्टमी (Radha Ashtami) मनाई जाएगी। शहर के श्रीकृष्ण मंदिरों में राधेरानी का जन्माभिषेक होगा। वहीं बधाई गायन के आयोजन होंगे। मंदिरों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर पाबंदी होने से राधा रानी का प्राकट्योत्सव सादगी से मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि राधा अष्टमी पर सुबह 6 बजकर 07 मिनट से दोपहर एक बजकर 3 मिनट तक सर्वार्थसिद्धियोग रहेगा। वहीं सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर एक बजकर 3 मिनट तक अमृतसिद्धि योग रहेगा। इस दिन बुधादित्य योग एवं गुरु-केतु तथा शुक्र-राहु का दृष्टि संबंध योग बनेगा, जो देश की परिस्थितियों के अनुकूल बनता नजर आ रहा है। सूर्य एवं शनि का परस्पर षडाष्टक योग रहेगा। ऐसी स्थिति में राजनीतिक उथल-पुथल एवं अस्थिरता का माहौल रहेगा। सत्ता पक्ष के लिए शनि सूर्य का षडाष्टक योग निर्णय लेने में बाधा के साथ आन्तरिक कलह उत्पन्न करेगा। देव गुरु बृहस्पति की सूर्य बुध एवं राहु पर दृष्टि रोग से भय में कमी करेगी।
गोविंददेवजी मंदिर में राधा रानी का प्राकट्योत्सव
राधा अष्टमी का मुख्य आयोजन गोविंददेवजी मंदिर में होगा। हालांकि श्रद्धालु राधे रानी के अभिषेक और झांकी के दर्शन ऑनलाइन कर सकेंगे। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह 4.45 से 5 बजे तक तिथि पूजा पूजा होगी। इसके बाद प्रियाजी का 21 लीटर दूध, 11 किलो दही, 1 किलो घी, 5 किलो बूरा और 500 ग्राम शहद से तैयार पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान गोविंद मिश्र वेद पाठ करेंगे। ठाकुरजी और किशोरीजी को पीली पोशाक धारण कराकर विशेष अलंकरण धारण कराए जाएंगे। फूलों के श्रृंगार के साथ छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी। राधा रानी को पंजीरी के लड्डू, मावे की बर्फी और पंजीरी का विशेष भोग लगाया जाएगा। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह धूप झांकी खुलने पर ठाकुर जी का अधिवास पूजन होगा और छप्पन भोग के दर्शन होंगे। श्रृंगार झांकी के बाद राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कपड़े, फल, टॉफी आदि अर्पित किए जाएंगे। गोविंददेवजी मंदिर परिसर को राधाष्टमी के उपलक्ष्य में बांदरवाल से सजाया गया है। वहीं गोविंददेवजी मंदिर के मातहत राधा माधव, नटवर जी, कुंज बिहारी जी, गोपाल जी नागा, गोपाल जी तालाब, मुरली मनोहर जी, गोपाल जी रोपाड़ा में भी राधाष्टमी सादगीपूर्वक मनाई जाएगी।
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