रघु शर्मा ने बताया प्रदेश के 14 जिलों में डेंगू के 150 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ना हालांकि चिंता की बात है और यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है लेकिन इस पर भी चरणबद्ध रूप से काबू पाया जा सकेगा। उन्होंने डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस जैसी मौसमी बीमारियों का सामना करने के लिए सभी जिलों में 24 घंटे कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के साथ रेपिड रेस्पोंस टीम के गठन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता के लिए आईईसी गतिविधियां करने, सीएचसी सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इंडोर मरीजों का उपचार करने के भी निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा कर्मियों के अवकाश पर रोक लगाने, स्थानांतरित चिकित्सा कार्मिकों को तुरंत जॉइन कराने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए ब्लॉक स्तर पर बीसीएमओ, जिला स्तर पर सीएमसचओ तथा जोन स्तर पर संयुक्त निदेशक की जिम्मेदारी तय करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्थानीय निकाय से मिलकर करे एंटीलार्वल गतिविधियां व नियमित फोगिंग करने के भी निर्देश दिए। डा शर्मा ने कोरोना एवं इसके टीकाकरण की भी विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान तीसरी लहर से बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर नियमित रैंडम सैंपलिंग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक लक्षित 82 प्रतिशत को प्रथम एवं 40 प्रतिशत को कोरोना टीके की द्वितीय डोज दी जा चुकी है। उन्होंने वैक्सीन से वंचित लोगों को चिह्नित कर विशेष अभियान चलाकर वैक्सीन कराने के भी निर्देश दिए।