जानकारों की माने तो पर्यवेक्षकों की भूमिका निभा रहे चारों सह प्रभारियों, काजी निजाम, तरुण कुमार, देवेंद्र यादव और विवेक बंसल की ओर से सौंपे दावेदारों के पैनल और एआईसीसी की ओर से कराए गए सर्वों और ग्राउंड रिपोर्ट में काफी भिन्नता थी, जिसके बाद राहुल गांधी ने चारों सह प्रभारियों के कामकाज से नाराज होकर कड़ी फटकार भी लगाई। बताया जाता है कि एक सह प्रभारी की रिपोर्ट में तो दो दर्जन से ज्यादा दागी नेताओं के नाम भी थे।
सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी ने चारों सह प्रभारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए यहां तक कहा कि हमने तुम लोगों को यहां जिताने के लिए जिम्मेदारी दी है, या पार्टी को हराने के लिए?
महिलाओं-युवाओं के कम नामों पर बिफरे
बताया जाता है कि राहुल गांधी की सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात को लेकर थी, कि सह प्रभारियों की रिपोर्ट में महिलाओं और युवाओं के नाम बहुत कम थे। जबकि राहुल गांधी ने स्क्रीनिंग कमेटी सहित प्रदेश नेतृत्व और सह प्रभारियों को स्पष्ट कहा था कि हर सीट पर महिलाओं और युवाओं के नाम भी पैनल में होने चाहिए।नाराजगी इस बात पर थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हाल ही में प्रदेश में कई दौरे कर चुके हैं और अपन दौरे में सार्वजनिक मंच से महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाने और टिकट वितरण में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी देने की बात करते आए है। राहुल गांधी की नेताओं को कड़ी कड़ी फटकार के बाद बैठक में मौजूद आला नेता बंगले झांकते नजर आए।
नेता प्रतिपक्ष ने भी उठाए थे सवाल
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी भी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों में सह प्रभारियों की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जता चुके हैं। बताया जाता है कि नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सह प्रभारियों की शिकायत की थी, जिसके बाद सीइसी की बैठक में राहुल गांधी ने सह प्रभारियों की जमकर क्लास ली।