प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता जितेन्द्र सिंह तंवर ने कोर्ट को बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने केन्द्र में सरकार बनने पर सालाना न्यूनतम 72 हजार रुपए आय की गारंटी देने का वादा किया है। देश के 20 प्रतिशत यानि करीब 25 करोड़ लोग अथवा पांच करोड़ परिवार कांग्रेस की न्याय योजना के दायरे में आते हैं। इसके हिसाब से तीन लाख 60 हजार करोड़ रुपए का खर्चा आएगा, जो 2019-20 के बजट करीब 27 लाख 84 हजार करोड़ रुपए का 13 प्रतिशत है। मनरेगा, स्वच्छता मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन व राष्ट्रीय शिक्षा मिशन जैसी केन्द्र सरकार की 29 योजनाओं का खर्चा 3 लाख 27 हजार करोड़ रुपए से कुछ अधिक है। न्याय योजना पर खर्च होने वाली राशि जीडीपी का दो प्रतिशत है। इससे वित्तीय अनुशासन बिगड़ जाएगा और कल्याणकारी योजनाओं के खर्च में कटौती करनी पड़ेगी।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में अभ्यावदेन दिया, लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं हुआ। याचिका में गुहार की गई कि चुनाव से पहले किया गया वादा पूरा नहीं करने पर आइपीसी के तहत कार्रवाई की जाए और चुनाव के बाद गठबंधन को अवैध करार दिया जाए। चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वादा पूरा नहीं होने पर कार्रवाई हो और सालाना न्यूनतम आय की गारंटी की घोषणा के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष पर कार्रवाई हो। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया।