पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस की जो स्थिति विधानसभा चुनाव के दौरान थी, उसमें अब राष्ट्रीय नेतृत्व को कमी नजर आ रही है। चुनाव को लेकर राहुल प्रदेश में लगातार सर्वे करा रहे हैं। उनकी रिपोर्ट देखकर राहुल ने पिछले दिनों दिल्ली में चल रही स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों के दौरान बड़े नेताओं से नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पार्टी नेताओं को कहा कि राजस्थान से न्यूनतम 20 सांसद दिल्ली पहुंचने चाहिए।
इसके दूसरे ही दिन दिल्ली से जयपुर पहुंचे नेताओं ने समन्वय समिति की बैठक की। अन्य कमेटियों के साथ चुनावी रणनीति बनाई और शाम को चुनावी अभियान का आगाज कर दिया। सूत्रों के अनुसार पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ सेना की कार्रवाई के बाद बने राजनीतिक हालात को देखते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रचार अभियान को और आक्रामक करने के निर्देश दिए हैं। राज्य की सत्ता में काबिज मंत्रियों की भी प्रचार अभियान को लेकर अलग से जिम्मेदारी तय की गई है। इसके तहत जिलों के प्रभारी मंत्रियों को अपने जिलों में दो बड़ी चुनावी सभा का आयोजन अपने स्तर पर कराना होगा।
चुनावी अभियान को धार देने की मिली नसीहत के बाद ही 15 को दिल्ली में प्रस्तावित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक को निरस्त कर 17 को रखा गया है। जबकि पहले पार्टी के बड़े नेताओं ने मार्च के पहले सप्ताह में ही उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने का ऐलान किया था। अब पहली सूची संभवत: होली के बाद ही आएगी।