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4 हजार की क्षमता वाले आइसोलेशन कोच फांक रहे धूल, अब फिर ट्रैक पर दौड़ेंगे कोच

locationजयपुरPublished: Feb 11, 2021 03:53:19 pm

Submitted by:

santosh

कोरोना के खिलाफ जंग के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने लाखों की लागत से 266 आइसोलेशन कोच में तब्दील किए कई डिब्बे (कोच) अब फिर से ट्रेक पर दौड़ते नजर आएंगे।

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। कोरोना के खिलाफ जंग के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे ने लाखों की लागत से 266 आइसोलेशन कोच में तब्दील किए कई डिब्बे (कोच) अब फिर से ट्रेक पर दौड़ते नजर आएंगे। हकीकत यह है कि उक्त कोच 10 महीने तक धूल फांकते रहे, उनमें एक भी व्यक्ति क्वॉरंटीन नहीं हुआ। अब रेलवे उन डिब्बे को फिर से उन्हें सामान्य कोच में बदलने में जुट गया है। दरअसल गत वर्ष अप्रेल माह में रेलवे बोर्ड ने कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आनन-फानन में ट्रेनों के डिब्बों को आइसोलेशन कोच में तब्दील करने के आदेश 16 जोन को दिए थे। इस पर करीब 50 करोड़ रुपए खर्च हुए।

266 कोच तैयार किए तैयार
उत्तर पश्चिम रेलवे ने भी चारों मंडल में 266 कोच तैयार कर स्टेशन के समीप तैनात किए। इनकी क्षमता 4 हजार मरीजों को भर्ती करने की थी, लेकिन इसमें एक भी कोरोना मरीज को नहीं रखा गया। हालांकि 150 कोच दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराए गए। अब वहां से भी कोच वापस आ गए।

सीटे लगेंंगी- खुलेंंगे रेस्त्रा
– आइसोलेशन कोच में रेलवे ने बाथरूम को बदला। मेडिकल स्टाफ के केबिन बनाई। कुछ सीटे हटाकर डस्टबिन रखें। तकिए-चद्दर के साथ साथ ऑक्सीजन समेत कई इंतजाम किए। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इनमें 20 साल पुराने कोच को रेस्त्रां में बदलने की तैयारी है। नए कोच को फिर से गाडिय़ों में जोड़ा जाएगा।

प्रति कोच एक लाख खर्च
– सामने आया कि देश के 16 जोन में करीबन 50 करोड़ रुपए की लागत से 5200 कोच आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किए गए थे। इनमें प्रति कोच एक लाख रुपए खर्च होना सामने आया है। जयपुर में 48, अजमेर( मदार) में 48, उदयपुर में 37, जोधपुर में 83, बीकानेर में 33, लालगढ़ (बीकानेर ) में 17 कोच तैयार किए गए।

अफसर बोले, राज्य सरकार ने नहीं दिखाई रूचि
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोच अप्रेल से तैयार थे, लेकिन राज्य सरकार ने कोई मांग नहीं की। उन्होंने कोई रूचि नहीं दिखाई। दिल्ली सरकार ने मांग की तो हमने भेज दिए थे।

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