रेल मंत्रालय के तहत एक मिनी रत्न सार्वजनिक उपक्रम रेलटेल को वीडियो एनालिटिक्स एवं फेशियल रिकोग्नीशन प्रणाली सहित आईपी आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित करने का कार्य सौंपा है। बेहतर कवरेज और स्पष्ट तस्वीर पाने के लिए चार प्रकार के फुल एचडी कैमरे cameras, गुम्बद आकार (आंतरिक क्षेत्रों के लिए), बुलेट आकार (प्लेटफॉर्मों के लिए) पैन टिल्ट जूम आकार (पार्किंग क्षेत्रों के लिए) और अल्ट्रा एचडी-4 के कैमरे (महत्वपूर्ण स्थानों के लिए) लगाए जा रहे हैं। निगरानी के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के नियंत्रण कक्ष में अनेक स्क्रीनों पर सीसीटीवी कैमरे के लाइव फीड दर्शाए जा रहे हैं।
घटना के बाद विश्लेषण तथा जांच के लिए सीसीटीवी कैमरों से वीडियो फीडों की रिकॉर्डिंग को फिर से देखने के लिए 30 दिनों तक स्टोर किया जाएगा। महत्वपूर्ण वीडियो को और भी अधिक अवधि के लिए स्टोर किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक पहले चरण में देशभर में 200 स्टेशनों पर वीएसएस स्थापित की जा रही है तथा अब तक देशभर में 81 स्टेशनों पर कार्य पूरा हो चुका है। वीडियो सर्विलेंस प्रणाली को जल्द ही अन्य स्टेशनों और कोचों तक विस्तारित किया जाएगा।
इन स्टेशनों पर यहां काम शुरू…
इस वर्ष प्रथम चरण में दक्षिण-पश्चिम रेल ने हाल में 6 प्रमुख स्टेशनों में वीडियो सर्विलेंस प्रणाली शुरू की है। इनमें बेल्लारी में 33 कैमर, बेलागावी में 36 कैमरे, वास्को द गामा में 36 कैमरे, बैंगलुरू कैंट में 21 कैमरे, बांगरपेट में 36 कैमरे लगाए गए हैं। 3 स्टेशनों हासन, शिवमोगा टाउन और सत्य साई प्रशांति निलयम में कार्य चल रहा है। सीसीटीवी सहित समन्वित सुरक्षा प्रणालियां 11 स्टेशनों में स्थापित की गई हैं।
इसी प्रकार दक्षिण-पश्चिम रेल के 17 स्थानों पर सीसीटीवी क्रियाशील हैं। प्रथम चरण में जनवरी 2020 के अंत तक 20 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी लागू करने का काम पूरा हो जाएगा। सुरक्षा कर्मचारी न केवल स्टेशन के नियंत्रण कक्षों से इन कैमरों की निगरानी कर सकते हैं, बल्कि डिविजनल मुख्यालय हुब्बाली, मैसूरु और बैंगलुरु स्थित केन्द्रीय सुरक्षा नियंत्रण कक्षों से भी इसकी निगरानी कर सकते हैं। पश्चिमी रेलवे के भावनगर टर्मिनस, उधना, वलसाड, नागदा, नवसारी, वापी, विरागाम, राजकोटए, गांधीधाम नामक दस रेलवे स्टेशनों पर भी इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो सर्विलेंस प्रणाली स्थापित की गई है। वीडियो सर्विलेंस प्रणाली से रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों तथा रेलवे की संपत्ति की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी।