बरसात के मौसम में रेलवे लाइनों की विशेष निगरानी की जाएगी। उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों मंडलों को जून में ही अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
कई स्थानों पर अत्याधिक बारिश होने से रेल पटरियों के नीचे कटाव हो जाता है तथा रेल संचालन बाधित होता है, ऐसी स्थितियों को ध्यान में रखकर रेलवे बरसात के मौसम में विशेष प्रबंध करता है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अभय शर्मा के अनुसार उत्तर पश्चिम पश्चिम रेलवे के चारों मण्डलों को अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दे दिए गए हैं। जिन रेलखण्डों पर पूर्व वर्षों के अनुमान के आधार पर अत्यधिक बारिश की संभावना होती है अथवा मौसम विभाग द्वारा कोई आंधी, तेज हवा या भारी वर्षा की चेतावनी जारी की जाती है ऐसे स्थानों पर सघन निगरानी के लिये निर्देश दिए गए हैं। मौसम संबंधी सूचना, चेतावनी प्राप्त होने पर स्टेशन मास्टर तत्काल ही संबंधित सहायक इंजीनियर, वरि. सेक्षन इंजीनियर या मेट को सूचित करेगा और तुरंत प्रभाव से रेलवे टेंक की निगरानी करने और सतर्क रहने के लिये टेंकमेन को निर्देश दिए जाएंगे।
– रेलवे लाइन, पुलों इत्यादि पर सघन पैट्रोलिंग की जाए। इसके लिए गश्त चार्ट व गश्त पुस्तकें बनाई गई है।
. किसी भी कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त टेंक अनुरक्षण की सामग्री उपलब्ध करवाई गई है।
. बारिश की अधिकता वाले स्थानों पर कटाव की स्थिति से निपटने के लिए मिटटी से भरे कटटे, रोडी इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए हैं ताकि टेंक के नीचे मिटटी के कटाव होने पर तुरंत ठीक कर रेल संचालन को सुचारू किया जा सके।
. पहाडी क्षेत्रों में पत्थर खिसकने की संभावना के मद्देनजर वहां अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। वहां जेसीबी व टेंक्टर इत्यादि की व्यवस्था की जा रही है जिससे किसी भी परिस्थिति में टेंक को तुरंत क्लीयर किया जा सके।
. इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी नियमित शेड्यूल के अनुसार टेंक का निरीक्षण करेंगे और सभी स्थितियों का जायजा लेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक महीने में सभी कर्मचारियों के लिए जागरूकता सेमिनार आयोजित की जाएगी।
़ मानसून से पहले रेलवे टेंक के आस-पास पानी भरने वाले स्थानों तथा रेलवे पुलों के नीचे पानी निकास वाले स्थानों को क्लीयर करने,पानी भरने वाले स्थानों पर गेज मार्किंग करना, पुलों के नीचे से पानी निकास के स्थानों का अनुरक्षण व नियमित निरीक्षण, टेंक के आस-पास लगे वृक्षों की कटाई व छटाई आदि के इंतजाम किए जा रहे हैं।