दरअसल, मेघालय और असम में बारिश से वहां जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ में फंसे लोगों तक ज्यादा से ज्यादा राहत सामग्री पहुंच सके। इसलिए रेलवे ने राहत सामग्री के मुफ्त परिवहन का फैसला लिया है। ऐसा करने से ज्यादा से ज्यादा लोग, स्वयंसेवी संस्थाएं मदद के लिए आगे आएंगी।
मजिस्ट्रेट या डिप्टी कमिश्नर के नाम होगी बुकिंग
रेलवे के माध्यम से कोई भी व्यक्ति, गैर-सरकारी संगठन सरकार की तरह मुफ्त में राहत सामग्री भेज सकता है, हालांकि गैर सरकारी संगठनों को मंडल रेलवे प्रबंधकों से उचित अनुमोदन की आवश्यकता होगी। गैर सरकारी संगठनों के मामले में राहत सामग्री प्रेषक या प्राप्तकर्ता जिला मजिस्ट्रेट या डिप्टी कमिश्नर होना चाहिए।
रेलवे के माध्यम से कोई भी व्यक्ति, गैर-सरकारी संगठन सरकार की तरह मुफ्त में राहत सामग्री भेज सकता है, हालांकि गैर सरकारी संगठनों को मंडल रेलवे प्रबंधकों से उचित अनुमोदन की आवश्यकता होगी। गैर सरकारी संगठनों के मामले में राहत सामग्री प्रेषक या प्राप्तकर्ता जिला मजिस्ट्रेट या डिप्टी कमिश्नर होना चाहिए।
अतिरिक्त जोड़ सकेंगे कोच
रेलवे बोर्ड ने मंडल रेलवे प्रबंधकों को पूर्वोत्तर राज्यों में जाने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच या वैन जोड़ने पर निर्णय लेने का अधिकार दिया है। जिससे राहत सामग्री अविलम्ब पहुंचाई जा सकें।
रेलवे बोर्ड ने मंडल रेलवे प्रबंधकों को पूर्वोत्तर राज्यों में जाने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच या वैन जोड़ने पर निर्णय लेने का अधिकार दिया है। जिससे राहत सामग्री अविलम्ब पहुंचाई जा सकें।
स्टेशन या मंडल कार्यालय पर जाएं राहत सामग्री भेजने के लिए रेलवे स्टेशन या मंडल कार्यालय पर जाकर संपर्क करना होगा। वहां नियम के अनुसार बुकिंग करवाकर राहत सामग्री भेज सकेेंगे। यह सुविधा शुरू हो गई है।
-कैप्टन शशिकिरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे