राजस्थान में मानसून के पहले दौर में भी पूर्वी राजस्थान में भारी व अति भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात बने थे। उस दौरान कोटा संभाग में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी और कई बांधों में पानी की अच्छी आवक हुई थी। तीसरे दौर की बारिश में फिर से मानसून सक्रिय हुआ है और बांधों में पानी की आवक के चलते गेट खोलकर पानी निकाला जा रही है शनिवार को कोटा संभाग में अच्छी बारिश के चलते पांच बांधों के गेट खोलकर पानी की निकाली शुरू की गई।
कोटा संभाग में एक बार फिर से मेघ मेहरबान हो रहे हैं। संभाग के कई इलाकों में सबसे से बारिश का दौर जारी है। सबसे ज्यादा बारिश झालावाड़ जिले में हो रही है, जिसके चलते झालावाड़ के भीमसागर बांध, छापी बांध, राजगढ़ बांध, कालीसिंध बांध और कोटा बैराज के गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। झालावाड़ में भीमसागर बांध का एक गेट 2 फीट तक खोलकर 1800 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। यहां रटलाई में लगातार हो रही बारिश के चलते ऐसा किया जा रहा है। झालावाड़ के ही छापी बांध के 2 गेट डेढ़ मीटर तक खोलकर करीब 4100 क्यूसेक पानी प्रति सेंकड पानी छोड़ा जा रहा है। झालावाड़ के राजगढ़ बांध के 3 गेट 3-3 मीटर ऊंचाई पर खोलकर 28 हजार 310 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इसी प्रकार कालीसिध बांद के 14 गेट कुल 55 मीटर ऊंचाई पर खोलकर 2 1 लाख 19 हजार 500 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। पिड़ावा के गागरिन बांध पर चादर चली है। उधर, कोटा बैराज के दो गेट खोलकर 12 हजार 428 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
मानसून की सक्रियता के चलते बांसवाड़ा जिले के माही बांध में पानी की आवक निरंतर हो रही है। बांध का जलस्तर खतरे के निशान को भी पार कर गया है। बांध में गुरुवार को एक दिन में पौन मीटर पानी की आवक हुई थी। बांध में खतरे के निशान का जलस्तर 278.40 मीटर है।