पश्चिमी विक्षोभ के असर से राजस्थान में जयपुर समेत कई जिलों में जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी। ओलावृष्टि से पकाव पर आई फसलों को भारी नुकसान पहुंचा। अब पश्चिमी विक्षोभ चण्डीगढ़ से उत्तराखंड होते हुए हिमालय क्षेत्र की तरफ चला गया है। आज पश्विमी विक्षोभ के असर से चण्डीगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सो में बारिश होने के आसार है। राजस्थान में मौसम ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी मौसम पलटा खाया और जयपुर सहित अलवर, भरतपुर, पाली, सीकर, किशनगढ़, नागौर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ बरसात व ओलावृष्टि हुई। नागौर में आकाशीय बिजली गिरने से महिला की मौत हो गई और पति गंभीर घायल हो गया। पाली में सरकारी स्कूल की कंप्यूटर लैब जलकर खाक हो गई। हनुमानगढ़ के नोहर तहसील में करीब 20000 हेक्टेयर में सरसों और चने की फसल में 90 प्रतिशत नुकसान हुआ। अजमेर में तेज बारिश के बाद ओले गिरे। किशनगढ़ में करीब 10 मिनट तक बरसात के साथ ओले गिरे।
गौरतलब है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से जयपुर, अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर, बारां, अजमेर, टोंक, झालावाड़, बांसवाड़ा, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा और झालावाड़ समेत ज्यादातर जिलों में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बरसात हुई थी। कई जगहों पर ओलों ने भारी तबाही मचाई थी।
राजस्थान में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से 14 जिलों में किसानों की फसलें तबाह हो चुकी है। फसलों की तबाही के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सक्रिए हुए और उन्होंने सरकार के प्रभारी मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे 8 मार्च को खेतों मे जाएं और फसल खराबे को खुद जाकर देखें। मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देश पर 8 मार्च को ओलावृष्टि से प्रभावित जिलों के प्रभारी मंत्री प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 4, 5 और 6 मार्च को हुई ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेंगे और प्रभावित किसानों से मुलाकात करेंगे। फसल खराबे से पीडि़त किसानों को आपदा राहत नियमों के तहत जल्द से जल्द सहायता प्रदान की जाएगी।