जयपुर में दिखेगी जन आंदोलन की ‘ताकत’ ईआरसीपी मुद्दे पर राजभवन घेराव का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राजस्थान युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष व किसान नेता विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट से पानी की मांग को लेकर आज जयपुर में राजभवन घेराव किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश भर से एक लाख लोगों के साथ एकसुर में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग उठाई जाएगी। राजभवन घेराव के बाद मांग पत्र का ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा जाएगा।
‘जीवनदायिनी’ हो सकती है साबित ईआरसीपी प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय परियोजना घोषित होने के बाद ये राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र के कई ज़िलों के दायरे में आने वाले सैंकड़ों-हज़ारों गांव-ढाणियों के लिए जीवनदायनी साबित हो सकता है। लेकिन इस प्रोजेक्ट में हो रही राजनीति के कारण ये अब तक अधरझूल में लटका हुआ है।
पहले निकाली गई ‘नहर लाओ, जीवन बचाओ’ यात्रा जयपुर में राजभवन कूच से करीब एक महीने पहले से लोगों को एकजुट करने की तैयारी की जा रही थी। 25 अप्रेल से 13 ज़िलों में ‘नहर लाओ, जीवन बचाओ’ यात्रा निकाली गई थी। इसके तहत टोंक, बूंदी, कोटा, बारां और झालावाड़ सहित कई ज़िलों में यात्रा निकाली गई। इस दौरान लोगों को ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर जागरूक किया गया और राजभवन के प्रस्तावित घेराव में ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में शामिल होने की अपील की गई।
3 करोड़ लोगों की बुझेगी प्यास! किसान नेता विक्रम सिंह मीणा का कहना है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना हमारे भविष्य के लिए वरदान साबित होगी। यदि इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार राष्ट्रीय परियोजना घोषित करती है तो इसके ज़रिये मिलने वाले नहरी पानी से लगभग 13 जिलों के 3 करोड़ लोगों को जीवन का मूलभूत आधार मिल जाएगा। लेकिन केंद्र व राज्य सरकार एक-दूसरे पर दोषारोपण करके इस प्रोजेक्ट का समाधान नहीं निकालकर इसे अटकाए हुए है।
राजनीति में फंसी परियोजना
राजस्थान के 13 जिलों के सिंचाई और पेयजल संकट को दूर करने वाली ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना राजनीति का शिकार बनके रह गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच परियोजना को लेकर पिछले दिनों से जारी बयान और आरोप-प्रत्यारोप भी चर्चा में हैं। गहलोत-शेखावत के ट्वीट वार से पहले शेखावत और प्रदेश के जलदाय मंत्री डॉ महेश जोशी के बीच बयानबाज़ी ने तूल पकड़ा था। दोनों ही मामलों का आधार प्रधानमंत्री द्वारा ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर की गई घोषणा बना था।
‘सुस्त’ चाल की परियोजना तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वर्ष 2017-2018 के बजट में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना की घोषणा की थी। परियोजना में जयपुर के अलावा झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर व धौलपुर जिलों तक पेयजल व सिंचाई जल उपलब्ध कराना शामिल है। जयपुर के रामगढ़ सहित अन्य बांध भी पुनर्जीवित किए जाने हैं। योजना को राष्ट्रीय दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत मौजूदा कार्यकाल में अनेक बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावों के दौरान उनके कथित वादे को याद दिलाते हुए पत्र भी लिख चुके हैं। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत के जोधपुर से सांसद होने के बावजूद यह मुद्दा केंद्र और राज्य के बीच अटका हुआ है।