scriptNavratri 2017: माता राजराजेश्वरी ने महाराजा सवाई प्रतापसिंह को युद्ध में जीत दिलाई थी | raj rajeshwari mata ji temple jaipur rajasthan | Patrika News

Navratri 2017: माता राजराजेश्वरी ने महाराजा सवाई प्रतापसिंह को युद्ध में जीत दिलाई थी

locationजयपुरPublished: Sep 21, 2017 12:24:56 pm

Submitted by:

santosh

दिल्ली रोड स्थित मान बाग के सुरम्य वन क्षेत्र में विराजी राज राजेश्वरी माता अपने दर पर आने वाले भक्त की मुरादें पूरी करती हैं।

raj rajeshwari temple
जयपुर। दिल्ली रोड स्थित मान बाग के सुरम्य वन क्षेत्र में विराजी राज राजेश्वरी माता अपने दर पर आने वाले भक्त की मुरादें पूरी करती हैं। यही कारण है कि माता के दरबार में बड़ी संख्या में भक्त माथा टेकने आते है। खासतौर पर नवरात्र में तो भक्तों का तांता लगा रहता है। मंदिर के पीछे की तरफ पहाड़ हरितमा की चादर ओढ़े ढाल की तरह खड़ा है। लोग आज भी यहां अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करवाने के लिए आते हैं। शुरू से ही संतों की तपोभूमि होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मानसिक शांति मिलती है।
मराठों पर जीत की याद दिलाता है मंदिर
1780 में महाराजा सवाई प्रतापसिंह ने संत अमृतपुरी महाराज के कहने पर बंध की घाटी के नीचे मान बाग में राज राजेश्वरी माता के मंदिर का निर्माण करवाया था। पुजारी बद्रीपुरी व महेशपुरी ने बताया कि मराठों की सेना जयपुर पर हमला करने आई, तब जयपुर की सेना ने तूंगा के पास मराठों से मुकाबाला किया। मराठों का हमला तेज होने लगा, तब महाराजा प्रताप सिंह बंदी बनाए जाने के डर से युद्ध क्षेत्र से निकलकर गुर्जरघाटी में प्रभातपुरी की खोल की गुफा की तरफ आ गए।
यहां उनकी भेंट सिद्ध संत अमृतपुरी महाराज से हुई। संत ने महाराजा को युद्ध में विजयी होने का आशीर्वाद दिया और कहा कि राज-राजेश्वरी माता तुम्हें युद्ध में विजय दिलाएगी। जीत के बाद यहां माता के मंदिर का निर्माण करवाना। महाराजा ने पुन: युद्ध भूमि में जाकर युद्ध किया और विजयश्री प्राप्त की। वचन के अनुसार महाराजा ने विशाल चौबुर्जा मंदिर का निर्माण करवा कर विधि-विधान से माता की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई।
मंदिर के आगे बने चबूतरे के पास संत अमृतपुरी महाराज का धुणा है, जो हमेशा हमेशा चैतन्य रहता है। यहां मातेश्वरी के अलावा अलग—अलग मंदिरों में आठ भुजाओं के भैरवनाथ और दस भुजा वाले हनुमानजी की अति दुर्लभ मूर्तियां भी हैं। मंदिर परिसर में ही पांच मुख के भगवान शिव एवं माता के सामने गणेशजी व सूर्य भगवान विराजमान हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो