गौरतलब है कि शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को नियुक्ति के आदेश जारी किए थे। इस पर प्रदेश के सभी जिला कलक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को दो-तीन दिन में ही 26 हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के निर्देश दिए गए थे।
हाईकोर्ट की मुख्यपीठ में बुधवार को जस्टिस संगीत लोढा व जस्टिस दिनेश मेहता की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार बनाम मनीष कुमार नागदा की अपील पर सुनवाई हुई। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती फर्स्ट लेवल के पदों पर टीएसपी एवं नॉन टीएसपी के लिए आवेदन आमंत्रित किए गये थे। जिसकी अंतिम तारीख 07 मई 2018 थी।
इसी बीच सरकार ने 19 मई 2018 को एक गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए उदयपुर, प्रतापगढ व माउंट आबू के कुछ हिस्से को टीएसपी क्षेत्र घोषित कर दिया था। जिसके चलते याचिकाकर्ता मनीष कुमार नागदा ने राज हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी। हाईकोर्ट एकलपीठ ने याचिकाकर्ता व अन्य को टीएसपी क्षेत्र का लाभ देने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ सरकार ने लाभ देने की बजाय हाईकोर्ट खंडपीठ के समक्ष विशेष अपील पेश कर दी।
बुधवार को इस विशेष अपील पर सुनवाई के दोरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने पक्ष रखा। वही अप्रार्थी मनीष कुमार की ओर से अधिवक्ता वीएलएस राजपुरोहित ने पक्ष रखते हुए बताया कि सरकार अन्य भर्ती में इसका लाभ दे रही है तो जो नए क्षेत्र टीएसपी में जोडे गये हैं वहां के अभ्यर्थियों को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल फस्र्ट में हाईकोर्ट के आदेश के बाजवूद लाभ नहीं दे रही है।
हाईकोर्ट ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता को टीएसपी क्षेत्र संबंधी दोनों अधिसूचनाओं का वर्गीकरण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा। ताकि यह पता चल सके कि इसके तहत कितने अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता 18 फरवरी को रिपोर्ट पेश करेंगे। तब तक नई नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक रहेगी।