एसओजी (
SOG ) के पास अभी कई ऐसे लोग आते हैं, जिन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। लेकिन ट्रेप कराने के बाद संबंधित विभाग पीडि़त व्यक्ति को परेशान करना चालू कर देता है। कोई भी कमी बताकर पीडि़त का काम अटका देते हैं। इतना ही नहीं फिर पीडि़त का काम करते ही नहीं है। इसके चलते ट्रेप कराने वाले व्यक्ति भ्रष्ट अधिकारियों (
Corrupt officials ) के खिलाफ कार्रवाई करने से बचते हैं।
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि अब ट्रेप के बाद कोई भी पीडि़त को संबंधित विभाग में परेशान किया जाता है। एसीबी को शिकायत मिलने पर इसकी जानकारी एसीबी डीजी के जरिए मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई जाएगी। उधर, मुख्यमंत्री (
CM Ashok Gehlot ) की आमजन के लिए एक नंबर जारी करने की घोषणा के बाद एसीबी मुख्यालय में अधिकारी इसके मंथन में जुट गए।