एक नजर राजस्थान में हुए अबतक के एसिड अटैक्स पर… 12 अप्रेल 1997- गुलाबी नगरी में 21 साल पहले शिवाजी जड़ेजा तेजाब कांड हुआ था। 17 साल की शिवानी जड़ेजा उस वक्त 11वीं क्लास में थी और उस पर तेजाब फेंका दिया गया था। वो मामला तब से आज तक हाईकोर्ट में कानूनी पेचीदगियों में उलझा है।
5 फरवरी 2011- जयपुर के विद्याधर नगर में नेशनल हैंडलूम के पास युवती पर एसिड अटैक हुआ। जिसमें युवती बुरी तरह से झुलस गई थी। फरवरी 2015- राजस्थान के दूसरे बड़े शहर जोधपुर में मौलाना आजाद शिक्षण प्रशिक्षण कॉलेज की एक छात्रा पर एक तरफा प्यार के जूनून में सिरफिरे आशिक ने तेजाब फेंक कर युवती को अपना शिकार बनाया था। जिसके बाद युवती का चेहरा बुरी तरह से झुलस गया था।
10 जुलाई 2016- राजस्थान में तेजाब हमलों का जूनून केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसकी आंच ने छोटे शहरों में अपनी हैवानियत का नाच दिखा चुकी है। साल 2016 जब हनुमानगढ़ में बलात्कार में विफल रहने पर एक सनकी आरोपी ने नाबालिग बच्ची पर तेजाब फेंक दिया गया। जिसकी चीख उन दिनों पूरे देशभर में गूंज उठी थी।
ऐसा नहीं है कि इस तेजाब का शिकार केवल बच्चियां और युवतियां ही हुई। 6 सितम्बर साल 2017 में सीकर में तेजाब हमले से जुड़ा एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां एक बुजुर्ग दंपत्ति के बीच पहले तो तकरार हुई। फिर उसके बाद बुजुर्ग पति ने अपनी पत्नी के ऊपर तेजाब से हमला कर दिया। पीड़िता को काफी नुकसान पहुंचा। और फिर 14 फरवरी 2018 वेलेंटाइन डे दिन जयपुर के झोटवाड़ा में युवती पर एसिड अटैक हुआ है। फिलहाल इस हमले में घायलों का इलाज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में चल रहा है।
गौरतलब है कि एसिड अटैक को एक गंभीर अपराध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कानून भी बनाए। तो वहीं इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दिए। बावजूद इसके राजस्थान में तेजाब हमलों का जूनून खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।