scriptमीणा समाज को एकजुट करने के लिए प्रतिबद्ध राजस्थान आदिवासी सेवा संघ | Rajasthan Adivasi Meena Sewa Sangh social work | Patrika News

मीणा समाज को एकजुट करने के लिए प्रतिबद्ध राजस्थान आदिवासी सेवा संघ

locationजयपुरPublished: Jul 11, 2020 08:58:29 am

Submitted by:

santosh

– फिजूलखर्ची को रोकने के लिए कर रहे संभाव प्रयास, समाज के समक्ष पेश की नजीर- समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने के लिए कर रहे काम- असहाय बच्चों की शिक्षा की मदद का रखा लक्ष्य

Rajasthan Adivasi Meena Sewa Sangh

जयपुर। फिजूलखर्ची, सामाजिक कुरीतियों को रोकने, बेटियों को शिक्षा में आगे लाने और समाज को एकजुट कर नई दिशा देने के लिए मीणा समाज के राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ ने समाज के समक्ष एक नजीर पेश कर रही है। राज्य सरकार ने मृत्युभोज पर भले ही अब रोक लगाई हो, लेकिन संस्था के प्रयासों से कई साल पहले मृत्युभोज जैसी कुप्रथा को समाज ने अपने स्तर पर खत्म करने का प्रयास किया। इसके लिए समाज को जागरूक करने के लिए पंपलेट छपाकर घर-घर वितरण किया जा रहा है।

समाज के लोगों ने बताया कि मृत्युभोज पर होने वाले बड़े खर्च से बचा जा सकेगा। समाज के पदाधिकारियों के मुताबिक कोरोना काल में आपसी सहभागिता से सीएम फंड में मदद की। वहीं गरीब असहाय सर्वसमाज के लोगों को राशन किट, भोजन मुहैया करवाया। प्रत्येक गांव, ढाणियों में पदाधिकारियों ने सभी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो। शुक्रवार को संस्था के पदाधिकारियों और अन्य प्रबुद्धजनों ने चाकसू में राजस्थान पत्रिका सोशल कनेक्ट अभियान के तहत विभिन्न समाज सुधारात्मक किए जा रहे कार्यों को साझा किया।

यह पहल सराहनीय
फिजूलखर्ची को रोकने के लिए संघ आगे आया है, सन् 1991 से पहले दहेज प्रथा, बाल विवाह, मृत्युभोज को बंद किया गया। सिर्फ 101 रुपए मृत्युभोज के समय देना सुनिश्चित किया गया। इसके अलावा शादियों में बैंड, बाजा, घोड़ी, आतिशबाजी, डीजे आदि पर सर्वसम्मति से रोक लगाई। बारात की विदाई के समय बस 10 से 20 रुपए देने का प्रावधान रखा गया।

चाकसू प्रधान पिंकी मीणा ने बताया कि कोरोना काल में महिलाओं को एकजुट कर आत्मनिर्भर बनाया। इसके साथ ही मास्क बनाकर आसपास की जगहों पर वितरित किए। ग्राम पंचायतों में बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए कई कार्य किए। राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेशाध्यक्ष रामकेश मीणा ने कहा कि बालिका शिक्षा को बढ़ाने, कुरीतियों को खत्म करने के लिए काम किया जा रहा है।

शिक्षा से ही समाज का विकास संभव
महासंघ के जयपुर जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष बोदीलाल मीणा ने बताया कि संघ का उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक उत्थान का रहा है। कुरीतियों और अंधविश्वास पर रोक लगाई जा रही है। प्रदेशभर के पदाधिकारी निगरानी कर रहे हैं। 1994 में गोनेर में सम्मेलन में नुक्ताप्रथा, बालविवाह पर रोक लगाई गई थी। 2015 में पालड़ी मीणा में भी दौसा, सीकर, झुंझुनू जिले के लोगों ने भी समर्थन किया।

जनजाति के छात्रावासों में अव्यवस्थाओं की खामियों को दूर करने का प्रयास सरकार के जरिए किया जाएगा। समाज शिक्षा के क्षेत्र में धीरे-धीरे बढ़ रहा है, शिक्षा से ही समाज का विकास होगा। संघ के चाकसू तहसील अध्यक्ष रमेशचंद्र मीणा ने बताया कि फिजुलखर्ची को बंद करने के लिए कार्य किया जा रहा है। बीते पांच साल से दहेज प्रथा में कमी आई है। ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों को पढ़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

असहाय बच्चों की कर रहे मदद
राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेश महामंत्री और जिला महामंत्री रामनारायण मीणा ने कहा कि वह खुद एमए, एमऐड हैं। बस्सी, पड़ासौली और आसपास की जगहों पर शिक्षा के क्षेत्र में कई कार्य किए जा रहे हैं, ताकि गरीब परिवार के बच्चे जो पढ़ना चाहते हैं उन्हें एक मंच मिल सके। छात्राओं के लिए तहसील स्तर पर छात्रावास की व्यवस्था की। सामाजिक कुरीतियों को रोकने के लिए समाज प्रतिबद्ध है। समाज सुधार के लिए और अन्य व्यवस्थाओं के लिए समाज का पूरा सहयोग मिल रहा है।

सर्वसमाज की सेवा
संघ के जयपुर महानगर अध्यक्ष हरिनारायण मीणा ने कहा कि समाज के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बेटियों भी अलग-अलग क्षेत्र में परचम लहरा रही है। पैरावणी पर रोक लगाई गई। मीणा ने बताया कि समाज की अखिल भारतीय श्री मीणा सामाजिक और शैक्षणिक समिति कोटा की ओर से प्रतापनगर जयपुर और कोटा में बालिका छात्रावास संचालित किया जा रहा है।

इसमें समिति अध्यक्ष बस्सी विधायक लक्ष्मण मीणा और निदेशक समिति अ निदेशक कोटा से रिटायर्ड आरएएस आरडी मीणा हैं। जिसमें सर्वसमाज की छात्राएं अध्ययनरत है। वहीं झालाना में भी छात्रों का एक छात्रावास है। जिसमें अध्यक्ष रिटायर्ड डीजीपी राजस्थान पुलिस किशनलाल मीणा हैं। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश खारड़ा ने बताया कि समाज के उत्थान के लिए हरसंभव कार्य किए जा रहे हैं। सभी फैसलों पर सर्वसम्मति से सामाजिक कार्यों को पूरा किया जा रहा है। कोरोना काल में सर्वसमाज के लिए मदद की।

इन विषयों का हो समाधान
– समाज के लोगों ने कहा कि मीणा और मीना एक हैं इसके बावजूद समाज के बच्चों से प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने के बाद बच्चों को परेशान किया जाता है। राज्य सरकार इस ओर ध्यान दें, ताकि बच्चों को दिक्कत न हो।

– समाज के लड़का और लड़की के तलाक होने पर 1955 विवाह अधिनियम एसटी अनुसूचित जनजाति लागू नहीं होता। उच्च और सर्वोच्च न्यायालय के मुताबिक समिति अपने स्तर पर पहले दोनों को समझाने का प्रयास करती है। यदि समझाइश पर बात नहीं बनती है तो समिति के लोग अपने स्तर पर फैसला दे सकते हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों में दोनों पक्षों को परेशान कर मुकदमा दर्ज किया जाता है। इस ओर प्रशासन सख्त न हो।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो