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अब सरकारी जमीन पर बसी कॉलोनियों का भी होगा नियमन, सरकार बांटेगी पट्टे

locationजयपुरPublished: Jul 01, 2022 10:06:20 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

Administration campaigns with cities जयपुर। सरकार अब सरकारी जमीन पर बसी कॉलोनियों में भी पट्टे देगी। इसके साथ ही जिन बसी हुई कॉलोनियों में सड़क सीमा 20 फीट की है, वहां भी लोगों को मकानों के पट्टे मिलेंगे।

अब सरकारी जमीन पर बसी कॉलोनियों का भी होगा नियमन, सरकार बांटेगी पट्टे

अब सरकारी जमीन पर बसी कॉलोनियों का भी होगा नियमन, सरकार बांटेगी पट्टे

Administration campaigns with cities जयपुर। सरकार अब सरकारी जमीन पर बसी कॉलोनियों में भी पट्टे देगी। इसके साथ ही जिन बसी हुई कॉलोनियों में सड़क सीमा 20 फीट की है, वहां भी लोगों को मकानों के पट्टे मिलेंगे। प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत दस लाख पट्टे बांटने के टारगेट को पूरा करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग जल्द इसके आदेश जारी करेगा।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने एक दिन पहले आधी रात तक मैराथन बैठक लेकर अभियान को लेकर कई फैसले लिए। अभियान में शिविर का नया चरण 15 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसमें सरकारी जमीन पर बसी कॉलोनियों के नियमन की भी राह खोल दी गई है। इसके अलावा 20 फीट सड़क पर बसी कॉलोनियों में भी पट्टे जारी किए जाएंगे। अभी तक न्यूनतम सड़क चौड़ाई 30 फीट होना जरूरी है। हालांकि इन कॉलोनियों में आवागमन में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सड़क के किनारे के भूखंडों का नियमन नहीं होगा। नियमन के लिए कॉलोनी का ले आउट प्लान बनाने की बंदिश भी हटा दी है। वहीं कृषि भूमि पर बसी सघन आबादी के पट्टे देने की प्रक्रिया भी सरल कर दी गई है। यानी 60 प्रतिशत भूखण्डों पर निर्माण हो चुका हो। वहां पट्टे दिए जाएंगे।
अभियान के दौरान 31 दिसम्बर, 2013 तक की बसावट वाली कॉलोनियों का नियमन किया जाएगा। कॉलोनी में 50 प्रतिशत या उससे अधिक निर्माण होना जरूरी होगा। 300 वर्गमीटर तक के भूखंड का नियमन नगरीय निकाय अपने स्तर पर कर सकेंगे। जबकि, इससे बड़े भूखंडों के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति जरूरी होगी।
ये भी किया फैसला
सिवायचक भूमि, निकायों की भूमि, निकाय और आवासन मंडल की अवाप्तशुदा, सीलिंग कानून में अधिग्रहित भूमि (निकाय में निहित हो गई हो) और निकायों में नजूल भूमि पर बसी कॉलोनियां नियमित होगी। यहां सुविधा क्षेत्र यथा संभव 40 प्रतिशत और आंतरिक सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई 30 फीट रखी जाएगी।

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