संसद में गर्माया राजस्थान में मॉब-लॉन्चिंग का मामला, विपक्ष बोला- 'वसुंधरा सरकार नहीं कर रही सहयोग'
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जयपुर/नई दिल्ली।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने देश के विभिन्न हिस्सों में भीड़-द्वारा पीट-पीटकर हुई हत्याओं के मामलों को लोकसभा में उठाते हुए उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से उनकी जांच कराने की मांग की है। सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि संसद में भले ही इस मुद्दे पर चिंता जतायी गई हो, लेकिन सड़कों पर हालात नहीं बदले हैं।
सरकार द्वारा भीड़-हत्या के मामलों पर उच्च स्तरीय समिति गठित किए जाने से असंतुष्ट कांग्रेस नेता ने कहा, ''समिति की बजाय इनकी जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश को नियुक्त किया जाना चाहिए। उनसे जांच कराकर जो भी अपराधी हैं उन्हें सजा दी जानी चाहिए। समिति भी साथ-साथ अपना काम करती रहे।'
राजस्थान के अलवर जिले में 21 जुलाई को हुई घटना पर खडगे ने आरोप लगाया कि स्थानीय सरकार वहां सहयोग नहीं कर रही है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भीड़-हत्या के मामलों पर सरकार भी चिंतित है और उसने इन्हें गंभीरता से लिया है। उन्होंने एक बार फिर 1984 की हिंसा के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'ऐसी घटनाएँ दो-चार-पांच साल से नहीं वर्षों से चल रही हैं। मैंने पहले भी कहा था कि सबसे बड़ी भीड़-हत्या की घटना 1984 में हुई थी।'
उनके इतना कहते ही कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर जोर-जोर से प्रतिवाद करने लगे। कुछ भाजपा सदस्यों ने भी कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन शोर-शराबे के बीच उनकी बात सुनाई नहीं दी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने इन घटनाओं की जाँच के लिए सोमवार को ही गृहसचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति में विधि विभाग के सचिव, न्याय विभाग के सचिव, विधायी मामलों के विभाग के सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव भी शामिल हैं। यह समिति चार सप्ताह में गृहमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रि समूह को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस समूह में विदेश मंत्री, सड़क परिवहन मंत्री, विधि एवं न्याय मंत्री तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भी हैं। मंत्रिसमूह समिति की सिफारिशों पर विचार के बाद यह तय करेगा कि इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या आवश्यक कदम उठाये जाने चाहिए।
मॉब लॉन्चिंग रोकने के लिए बने कानून
देश में मॉब लॉन्चिंग यानी भीड़ द्वारा पीट पीट कर मारने की बढ़ती घटनाओं पर मंगलवार को राज्यसभा में गहरी चिंता व्यक्त की गई। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाने की मांग की गई।
तृणमूल कांग्रेस की शांता छेत्री ने सदन में शून्यकाल के दौरान अलवर में एक व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या करने का मामला उठाया और कहा कि इसे एक सख्त कानून के जरिए रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि देश भर में भीड़ द्वारा पीट पीट कर हत्या करने के मामले सामने आ रहे हैं और इन्हें रोकने के लिए गंभीरता से सोचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में एक कानून बनाना चाहिए जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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