सभी दलों को यह जिम्मेदारी समझते हुए सदन चलने देना चाहिए। प्रश्नकाल ( Question hour) को लेकर जोशी ने कुछ नियम कडे कर दिए हैं, जिससे अब जिस विधायक का प्रश्न होगा, वही दो पूरक प्रश्न पूछ सकेगा। अन्य विधायक पूरक प्रश्न नहीं पूछ सकेंगे।
हालांकि, इस पर भाजपा (
BJP ) की तरफ से आपत्ति आई है, लेकिन इस आपत्ति को अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया। इससे पहले बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (
Cm Ashok Gehlot ), संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड, सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, उप सचेतक महेन्द्र चौधरी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग समेत बसपा, माकपा एवं अन्य दलों के नेता मौजूद रहे।
बैठक में सत्ता पक्ष से कहा गया कि प्रश्नकाल और शून्यकाल में तो कम से कम सभी मंत्री अपनी सीट पर मौजूद रहें। उनके निजी सहायक अधिकारी दीर्घा में आकर बैठ जाते हैं। यह भी नहीं होना चाहिए। प्रश्नकाल के दौरान जो अफसर आते हैं, वे प्रश्न हो जाने के बाद वहां से जा सकतेे हैं। इस मुदृदे को लेकर भी भाजपा की ओर से राजेन्द्र राठौड ने आपत्ति जताई और कहा कि ऐसा होने से अनुशासन में कमी आएगी। यह भी तय किया गया है कि इस बार सदन चलने के दौरान दोपहर दो बजे तक ज्यादा लोगों के पास नहीं बनाए जाएंगे, जिनकी जरूरत है। वे ही पास बनाए जाएंगे, जिससे विधानसभा में अनावश्यक भीड ना हो।
इसी सत्र में आएगा बजट इस सत्र में ही दस जुलाई के आसपास सरकार अपना बजट पेश करेगी। सरकार कई विधेयक भी सदन में पेश करेगी, यह सत्र करीब एक माह चल सकता है। सत्र कितने दिन चलेगा, इस पर निर्णय के लिए गुरूवार को ही कार्य सलाहकार समिति की बैठक भी होगी। एकद्वस्रड्डह्यद्ध;एक दिन बिजली और पानी पर अलग से चर्चा भी हो सकती है, हालांकि यह सदस्यों की मांग पर निर्भर करेगा।