Rajasthan Assembly 2020: भाजपा विधायकों ने किया वॉकआउट, जाने अचानक क्यों गर्माया माहौल
- राज्य विधानसभा का ‘विशेष’ सत्र, सदन के शुरू होते ही हुआ हंगामा, बीएसी प्रतिवेदन पर विपक्ष की आपत्ति, माल एवं सेवाकर संशोधन विधेयक पारित, विधेयक पर चर्चा के दौरान गर्माया रहा वाद-विवाद

राहुल सिंह, जयपुर।
राज्य विधानसभा सत्र की सोमवार को हुई शुरुआत हंगामेदार रही। सदन में आज प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं होने की वजह से सदन की शुरुआत मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से कार्य सलाहकार समिति का प्रतिवेदन पेश करने के साथ हुई। इसपर विपक्ष ने एतराज़ जताते हुए कुछ देर के लिए हंगामा किया।
दरअसल, जोशी के बीएसी का प्रतिवेदन पेश करने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने बीच में टोकते हुई आपत्ति जताई। कटारिया ने सदन में महत्वपूर्ण सेशन प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं होने को लेकर असंतोष ज़ाहिर किया। इस बात पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ देर के लिए हंगामे की स्थिति बनी रही।
प्रश्नकाल व शून्यकाल स्थगित करने के विरोध में नेता प्रतिपक्ष कटारिया की अगुवाई में भाजपा विधायकों ने सांकेतिक बहिर्गमन भी किया। इस दौरान स्पीकर डॉ सीपी जोशी और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के बीच हलकी नोंक-झनक भी हुई।
बहिर्गमन कर सरकार के खिलाफ सांकेतिक विरोध दर्ज करवाने के बाद सभी विधायक विधेयकों की चर्चा में शामिल हो गए। सबसे पहले राजस्थान माल एवं विक्रय सेवा कर (द्वितीय संशोधन) 2020 पर चर्चा शुरू हुई। बहस के दौरान विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सरकार पर हमलावर रहे।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि ‘वन नेशन वन टैक्स’ का कॉन्सेप्ट देशभर में लागू हुआ है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का हवाला ददते हुए कहा कि 4 साल में अर्थव्यवस्था में गिरावट आई। कोरोना से संकट और बढ़ा हैं। जीएसटी में भी कमी आई है।
वहीं प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी चर्चा में हिस्सा लेते हुए अपने विचार रखे। कटारिया ने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक हालात खराब हुई है। वैसे केंद्र सरकार ने राजस्थान का हिस्सा तो 12 हजार करोड़ रुपए दे दिया है। कटारिया ने कहा कि टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए आप धारा में बदलाव कर रहे हो।‘
विपक्ष के एतराज़ के बाद सरकार की तरफ से बोलते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि केंद्र ने जो संशोधन किया है उसी के अनुरूप राज्य सरकार संशोधन कर रही है। इसलिए भाजपा को इसपर आपत्ति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वर्ष 2017 में जीएसटी लेकर आई, उसमें कई विसंगतियां रहीं। तब से लेकर अब तक 471 बार संशोधन कर चुके हैं। ऐसे में साफ़ है कि जीएसटी जल्दबाजी में लाई गई। धारीवाल ने कहा कि राज्य को केंद्र से मिलने वाले 6 हज़ार 980 करोड़ रुपए अब तक बकाया हैं।
वहीँ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान माकपा विधायक गिरधारी लाल ने भी हिस्सा लिया। भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने बहस में कहा कि वेट से सम्बन्धित रिफंड का मामला पेंडिंग चल रहा है। एमनेस्टी स्कीम को भी इसमें नहीं जोड़ा गया है।
आखिर में मंत्री शांति धारीवाल के जवाब के बाद माल और सेवा कर तृतीय संशोधन विधेयक पास हो गया।
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