-तीन दिन चली सदन की बैठक -14 अगस्त से शुरू हुआ सत्र जयपुर। राजस्थान में विधानसभा ( Rajasthan Assembly ) सभापति राजेंद्र पारीक ने सोमवार को पंद्रहवीं विधानसभा के पंचम सत्र ( 5th Session ) की कार्यवाही सायं 5.00 बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित ( adjourned sine die ) कर दी। 14 अगस्त से 15वां सत्र शुरू हुआ। इस दौरान राज्य सरकार ने सदन में बहुमत साबित किया। बाद में कोरोना पर चर्चा कराने के बाद सोमवार को 13 विधेयक ( 13 Bills ) ध्वनिमत से पारित (Passed ) किए गए। ( Jaipur News ) इससे पहले सदन में काफी हंगामा हुआ जिसके चलते सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करना पड़ी। बाद में विपक्ष आठ विधेयकों के साथ अन्य पांच विधेयकों को लाने पर विरोध जताते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
-ये बिल हुए पारित -राजस्थान कृषि जोतों पर अधिकतम सीमा अधिरोपण विधेयक
-राजस्थान एकल खिड़की सामथ्यकारी और अनुज्ञापन विधेयक
-राजस्थान कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक
-राजस्थान पुलिस सुधार संशोधन विधेयक
-राजस्थान माल और सेवा कर द्वितीय संशोधन विधेयक, माल और सेवा कर तृतीय संशोधन विधेयक
-राजस्थान आबकारी संशोधन विधेयक
-राजस्थान महामारी संशोधन विधेयक
-राजस्थान स्टांप संशोधन विधेयक
-राजस्थान विशेष न्यायालय निरसन विधेयक
-राजस्थान विधानसभा अधिकारियों और सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन संशोधन विधेयक
-रजिस्ट्रीकरण राजस्थान संशोधन विधेयक
-राजस्थान मदरसा बोर्ड विधेयक
-राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों के पुर्नवास संशोधन विधेयक।
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-राजस्थान एकल खिड़की सामथ्यकारी और अनुज्ञापन विधेयक
-राजस्थान कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक
-राजस्थान पुलिस सुधार संशोधन विधेयक
-राजस्थान माल और सेवा कर द्वितीय संशोधन विधेयक, माल और सेवा कर तृतीय संशोधन विधेयक
-राजस्थान आबकारी संशोधन विधेयक
-राजस्थान महामारी संशोधन विधेयक
-राजस्थान स्टांप संशोधन विधेयक
-राजस्थान विशेष न्यायालय निरसन विधेयक
-राजस्थान विधानसभा अधिकारियों और सदस्यों की परिलब्धियां और पेंशन संशोधन विधेयक
-रजिस्ट्रीकरण राजस्थान संशोधन विधेयक
-राजस्थान मदरसा बोर्ड विधेयक
-राजस्थान भिखारियों या निर्धन व्यक्तियों के पुर्नवास संशोधन विधेयक।
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-राजस्थान विशेष न्यायालय (निरसन) विधेयक, 2020 पारित राजस्थान विधानसभा में सोमवार को राजस्थान विशेष न्यायालय (निरसन) विधेयक, 2020 को ध्वनिमत से पारित किया गया। विधि मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक चर्चा के लिए सदन में पेश किया। विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के बाद विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों पर प्रकाश डालते हुए विधि मंत्री ने बताया कि अपराधों के कतिपय वर्ग के त्वरित विचारण के लिए और अन्तर्वलित संपत्तियों के अधिहरण के लिए विशेष न्यायालयों के गठन के लिए राजस्थान विशेष न्यायालय अधिनियम, 2012 (2012 का अधिनियम सं. 38) अधिनियमित किया गया था। धारीवाल ने बताया कि इस अधिनियम के तहत 2012 में जयपुर एवं जोधपुर में विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में न तो न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई और न ही किसी वाद की सुनवाई की गई। केंद्र सरकार की ओर से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 में नई धारा 18 क के जोडऩे से इस अधिनियम ने अस्तित्व खो दिया है। अब केंद्रीय अधिनियम के प्रचलन में आने के कारण राजस्थान विशेष न्यायालय अधिनियम, 2012 (2012 का अधिनियम सं. 38) को निरसित करने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
-राजस्थान महामारी विधेयक, 2020 पारित राजस्थान विधानसभा मे सोमवार को राजस्थान महामारी विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। विधि मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक सदन में हुई चर्चा के बाद बताया कि राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम, 1957 में संक्रामक रोगों के फैलाव के निवारण के लिए प्रावधान किए गए थे। इसमें और अधिक सुधारात्मक कदम उठाने आवश्यक थे, लिहाजा राज्य सरकार ने प्रभावी और कठोर उपाय करने के लिए एवं मौजूदा राजस्थान संक्रामक रोग अधिनियम, 1957 को निरस्त करने के लिए एक मई को राजस्थान महामारी अध्यादेश, 2020 लागू किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद जनता को वृहद् स्तर पर राहत प्रदान करने के लिए राजस्थान महामारी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के जरिए उक्त अध्यादेश की धारा 11 संशोधित की गई। अब दोनों अध्यादेशों को शामिल करते हुए राजस्थान महामारी विधेयक, 2020 लाया गया है।
-राजस्थान उद्यम एकल खिड़की सामथ्र्यकारी और अनुज्ञापन (संशोधन) विधेयक राजस्थान विधानसभा में सोमवार को राजस्थान उद्यम एकल खिड़की सामथ्र्यकारी और अनुज्ञापन (संशोधन) विधेयक, 2020 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने विधेयक पर चर्चा के बाद कहा कि यह कानून प्रभावकारी कदम होगा जिससे राज्य में उद्योग जगत में क्रांतिकारी बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहौल बनाने के लिए 2011 में एकल खिड़की अधिनियम बनाया था। उसके बाद इसमें संशोधन किया गया। उन्होंने बताया कि औद्योगिक सलाहकार समिति ने इसे और ज्यादा प्रभावी बनाने की सिफारिश की। इसके बाद निवेश बोर्ड का गठन किया जा रहा है। इससे निवेशकों को ज्यादा सुविधाएं मुहैया होगी। राज्य में औद्योगिक अनुकूल माहौल बनेगा और देश में राजस्थान की रैंकिंग सुधारने में मदद मिलेगी।