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राजस्थान: सदन में गूंजा बेरोजगारी का मुद्दा- तीखी बहस के बाद उपाध्यक्ष ने दी पर्ची व्यवस्था खत्म करने की चेतावनी

locationजयपुरPublished: Feb 07, 2018 04:03:30 pm

शून्यकाल में बेरोजगारी के मुद्दे पर तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि आरक्षण के नाम पर सरकार जातियों को आपस में लड़ा रही है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री…

Rajasthan assembly session
जयपुर। राजस्थान बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य विधानसभा में बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों का मामला जोरों से गूंजा। भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने सरकार पर बेरोजगारों से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ढाई लाख पद खाली पड़े हैं, वहीं डेढ़ लाख भर्तियां कोर्ट में अटकी है। तो वहीं गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने नौकरियों के लिए कैलेंडर जारी करने की बात कहकर तिवाड़ी के आरोपों का जवाब देने का प्रयास किया।
इस दौरान कटारिया के सरकारी नौकरियों के अलावा 15 लाख रोजगार उपलब्ध कराने की बात कहने पर पूरे सदन में बहस शुरू हो गई। जिसके बाद बहस से नाराज उपाध्यक्ष राज राजेंद्र सिंह ने पर्ची व्यवस्था को खत्म करने की चेतावनी दे दी। बाद में शून्यकाल में घनश्याम तिवाड़ी ने पर्ची के माध्यम से मामला उठाते हुए कहा कि राजस्थान में सरकारी नौकरियों के 8 लाख 54 हजार 119 पद स्वीकृत हैं। इनमें 60 हजार पद सरकार ने विलोपित कर दिए। 2 लाख 44 हजार पद खाली हैं, वहीं 52 प्रकार के पदों पर डेढ़ लाख भर्तियां विभिन्न कोर्ट में अटकी हुई है। सरकार ने नौकरियों को उलझाने का काम किया।
बहस से नाराज उपाध्यक्ष की ये चेतावनी-

शून्यकाल में बेरोजगारी के मुद्दे पर तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि आरक्षण के नाम पर सरकार जातियों को आपस में लड़ा रही है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति की तो बहस शुरू हो गई। उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह ने पर्ची के नियम बनाने की बात कही कि जो विषय उठाएं सदस्य उस तक ही सीमित रहें। नाराज उपाध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि पर्ची से मामला उठाने के नियम बनाए जाएं, अगर इसमें अनुशासहीनता यूं ही होती रही, तो पर्ची की व्यवस्था खत्म की जा सकती है।
विधानसभा में उठा अवैध बजरी खनन का मामला-

वहीं विधानसभा सत्र के दौरान बजरी खनन का मामला भी उछला। जहां बजरी पर रोक से निर्माण कार्यबंद होने के बाद हजारों मजदूरों का रोजगार को लेकर काफी तीखी बहस हुई। तो वहीं अवैध खनन का मामला भी उठा। कोटा से भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने शून्यकाल में विधानसभा में यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद कोटा सहित प्रदेश में अवैध खनन किया जा रहा है। सरकार पर्यावरण एनओसी दिलवाकर अवैध खनन को रोकने और बंद पड़े निर्माणों को चालू करवाने का काम करें। साथ ही प्रदेशवासियों को बजरी संकट से उभारने का काम करें।
छात्रों से टकराव टाले सरकार-

निर्दलीय विधायक राजकुमार शर्मा ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिए नवलगढ़ के सरकारी कॉलेज में व्याख्याताओं की मांग को लेकर छात्रों के आंदोलन का मामला उठाया। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने छात्रों से संवाद के दौरान कॉलेज में व्याख्याताओं के पद भरने का आश्वासन दिया था और अफसरों को निर्देश दिए थे। इसके बावजूद पद नहीं भरे गए। ऐसे में पुलिस और छात्र आमने सामने हैं। उनमें टकराव हो सकता है। सरकार मुख्यमंत्री के वादे को पूरा कर छात्रों का टकराव टाले।
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