Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan By-Election: भाजपा-कांग्रेस को ‘बागियों’ से नहीं, अब सता रहा ये बड़ा डर

Rajasthan Bypolls 2024: राजस्थान में भाजपा-कांग्रेस बगावत करने वाले नेताओं को मनाने में कुछ हद तक तो कामयाब हो गई है। लेकिन, दोनों ही पार्टियों को नया डर सता रहा है।

2 min read
Google source verification
Rajasthan By-Election

जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस ने बगावत को थामने में तो काफी हद तक सफलता प्राप्त की है, लेकिन दोनों ही दलों को भितरघात का ज्यादा डर सता रहा है। हालांकि, क्षेत्रीय दलों से भी कई सीटों पर चुनौती मिलती दिख रही है। भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) सहित 16 क्षेत्रीय दलों ने उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा-कांग्रेस को अपनों की नाराजगी का भी डर है। यही वजह है कि दोनों ही दल यह आकलन कर ऐसे नाराज नेताओं को मनाने के काम में जुट गए हैं। प्रमुख नेता नाराज कार्यकर्ताओं को घर जाकर मनुहार कर रहे हैं।

भाजपा में टिकट वितरण के साथ ही रामगढ़, झुंझुनूं, और सलूम्बर और देवली-उनियारा सीट पर नाराजगी खुलकर सामने आई थी। नेताओं ने बागी होकर चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा तक कर दी, लेकिन पार्टी ने सभी को मना लिया। भाजपा ने टिकट की घोषणा जल्द कर बगावत पर भी समय रहते काबू पा लिया।

वहीं, कांग्रेस में झुंझुनूं, देवली-उनियारा और सलूम्बर में नेताओं की नाराजगी सामने आई थी। देवली-उनियारा में पार्टी से बगावत कर नरेश मीना ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है, उन्हें भी मनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सलूम्बर में किसी बागी ने फार्म तो नहीं भरा, लेकिन पूर्व सांसद रघुवीर मीणा नाराजगी के चलते कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन में भी शामिल नहीं हुए थे।

यह भी पढ़ें: राजस्थान की 4 सीटों पर त्रिकोणीय और 3 पर सीधा मुकाबला, जानें किसको कौन दे रहा टक्कर?

भितरघात करने वाले नेताओं पर रखी जा रही नजर

उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस थिंक टैंक उन नेताओं और कार्यकर्ताओं पर नजर रख रहे हैं, जिनसे प्रत्याशियों को भितरघात का अंदेशा है। भाजपा की तरफ से नेताओं पर नजर रखने के लिए टीमें गठित की गई हैं तो कांग्रेस में भी कई नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

16 क्षेत्रीय दलों ने उतारे प्रत्याशी, दो से ज्यादा चुनौती

आरएलपी ने खींवसर, बीएपी ने चौरासी और सलूम्बर में प्रत्याशी उतारे हैं। इसके अलावा 14 दलों ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। चौरासी सीट बीएपी और खींवसर सीट आरएलपी के पास थी। ऐसे में दोनों दलों से भाजपा और कांग्रेस को ज्यादा चुनौती मिलती दिख रही है।

यह भी पढ़ें: 10 प्रत्याशियों में आपराधिक रिकॉर्ड वाले 5, सबसे कम उम्र के आर्यन तो ये हैं करोड़पति

बसपा और आप ने चुनाव से बनाई दूरी

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने उपचुनाव से दूरी बनाई हुई है। दोनों ही दलों ने उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं।

यह भी पढ़ें: इस हॉट सीट पर सरपंच और प्रधान होंगे आमने-सामने, देखने को मिलेगा रोचक मुकाबला

बीएपी और रालोपा को सीट बचाने की चुनौती

बीएपी और आरएलपी के सामने उपचुनाव में अपनी सीट बचाने की चुनौती भी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीएपी ने चौरासी सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि आरएलपी 2018 से ही खींवसर से लगातार चुनाव जीत रही है।