Rajasthan Assembly Election 2023 : कांग्रेस और भाजपा सहित सभी राजनीतिक दल इन दिनों मिशन मोड पर हैं। इसी वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में प्रतिद्वंदी को धूल चटाकर जीत हासिल करने की उम्मीद से रणनीति बनाई जा रही है। भाजपा ने भी अब अपनी रणनीतियों पर काम तेज़ कर दिया है।
जयपुर। राजस्थान की सत्ता में पुनः वापसी करने के ‘मिशन’ में भाजपा एक नहीं, बल्कि कई तरह की रणनीति पर काम कर रही है। अब इसी दिशा में पार्टी ने एक नई रणनीति पर काम करना शुरू किया है। इसके तहत अन्य राज्यों के संगठन महामंत्रियों को प्रदेश संगठन के साथ जोड़ा जा रहा है। ये संगठन महामंत्री संभाग स्तर पर भाजपा संगठन का काम संभालेंगे।
जानकारी के अनुसार ऐसे संगठन महामंत्रियों को जिम्मेदारी देने की तैयारी हो रही है, जो किसी न किसी रूप से राजस्थान या पड़ोसी राज्यों से जुड़े हों। गौरतलब है कि भाजपा में आरएसएस से जुड़े प्रचारक को संगठन महामंत्री के पद की जिम्मेदारी दी जाती है।
ये भी पढ़ें : राजस्थान में इस ‘फॉर्मूले’ से चुनाव मैदान में उतरेगी कांग्रेस, फाइनल हुआ ये ‘विक्ट्री प्लान’ !2013 में हिट रहा था फार्मूला सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भी दूसरे राज्यों के संगठन महामंत्रियों को यहां के अलग-अलग संभागों में संगठन संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी। यह रणनीति असरदार भी साबित हुई थी। इस रणनीति के तहत इन संगठन महामंत्रियों का पूरा फोकस चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखने के साथ-साथ हर उस राजनीतिक स्थिति पर नजर रखने का होता है, जिससे पार्टी का नुकसान या फिर फायदा हो सकता है। नाराज नेताओं को मनाने से लेकर संगठन के पदाधिकारियों के कामकाज पर नजर रखने का काम ये संगठन महामंत्री करेंगे।
ये भी पढ़ें : कांग्रेस-बीजेपी के सामने RLP का ‘मिशन राजस्थान’, ये हो रही बड़ी तैयारीकमज़ोर सीटों पर रखेंगे नज़र अन्य राज्यों के संगठन महामंत्रियों को प्रदेश में ज़िम्मेदारी देकर भाजपा उन कमजोर सीटों पर भी अपना प्रदर्शन अच्छा करना चाहती है, जहां संगठन कमजोर स्थिति में है या जहां गुटबाजी ज्यादा है।
अगस्त तक शुरू करेंगे काम सूत्रों के अनुसार मोटे तौर पर अभी बड़े संभागों में संगठन महामंत्रियों को लगाने पर विचार चल रहा है। पहले चरण में दो से तीन संगठन महामंत्रियों को जिम्मेदारी मिल सकती है। जुलाई अंत तक या फिर अगस्त में ये संगठन महामंत्री राजस्थान आकर काम शुरू कर देंगे।