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विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से विधायक का टिकट दिलाने के नाम पर 1.90 करोड़ की ठगी

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जयपुरJan 12, 2019 / 07:24 pm

pushpendra shekhawat

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से विधायक का टिकट दिलाने के नाम पर 1.90 करोड़ की ठगी

मुकेश शर्मा / जयपुर। विधानसभा चुनाव में विराट नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का टिकट दिलाने के नाम पर 1.90 करोड़ रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। हालांकि चंदवाजी थाने में रामचन्द्र सराधना के नाम से यह मामला दर्ज कराया गया है। इस मामले में जब पूर्व विधायक रामचन्द्र सराधना से पूछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई और कहा कि यह मामला किसने दर्ज कराया, इसकी भी जानकारी नहीं है। उधर, पुलिस बोली, विधायक का टिकट दिलाने के नाम पर कुल 1.90 करोड़ की ठगी के मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में एक जालसाज को गिरफ्तार भी किया है।

पुलिस ने बताया कि ठगी की एफआईआर चंदवानी निवासी रामचन्द्र गुर्जर पुत्र सूरजमल गुर्जर ने दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया कि 27 अक्टूबर 2018 शाम 9 बजे कथित प्रशांत किशोर बनकर एक व्यक्ति का मोबाइल आया। कथित ने कहा कि कांगे्रस पार्टी ने राजस्थान विधानसभा की छह सीटों पर टिकट बांटने की जिम्मेदारी दी है। आपका विराट नगर क्षेत्र भी उसमें शामिल है। यह भी बताया कि पहले मोदी के कहने पर गुजरात में काम किया, अब राहुल गांधी के कहने पर पूरा मध्यप्रदेश और राजस्थान की छह सीटें उसके पास है। सभी नेता चुनाव के लिए फंड एकत्र करने में जुटे हैं। फंड एकत्र करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी के मित्र कनिष्क की है। टिकट के लिए आपको एक करोड़ रुपए देने होंगे। इनकार करने पर कथित प्रशांत समझाने के साथ रुपए देने के लिए दबाव डालने लगा। बाद में रुपए उधार लेकर कथित द्वारा बताए गए स्थान पर दिल्ली चला गया।
 

दिल्ली में 5 नवम्बर रात 9 बजे कथित द्वारा बताई गई कार में बैठे दो व्यक्तियों को 90 लाख रुपए रखा बैग दे दिया। 9 नवम्बर को कथित प्रशांत ने फिर फोन कर कहा कि एक नेता आपके नाम पर राजी नहीं हो रहा। अब सीधे राहुल गांधी से बात करनी होगी और मैं छोटी बात उनको नहीं बोलना चाहता। अब तो कनिष्क ही यह काम कर सकता है। लेकिन इसके लिए कनिष्क को एक करोड़ रुपए देने होंगे। 12 नवम्बर की रात 11 से 12 के बीच एक करोड़ रुपए दिल्ली में और दे दिए। बाद में पता चला कि कथित प्रशांत किशोर के पास ऐसा कोई काम नहीं है। रुपए वापस मांगे और टिकट नहीं चाहने की इच्छा जताई, लेकिन आरोपियों ने 1.90 करोड़ रुपए वापस नहीं दिए। 3 दिसम्बर को दर्ज मामले में जमवारामगढ़ उप अधीक्षक जगदीश सिंह का कहना है कि अभी मामले में अनुसंधान चल रहा है।
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