जयपुर

हॉस्टल्स में रहने वाले स्टूडेंट्स को मिलेगी साइकिल

सरकार (Rajasthan Govt)ने हॉस्टलों (Hostels)में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए बड़ा फैसला किया है। सरकार का यह फैसला न सिर्फ हॉस्टलों में रहने विद्यार्थियों को राहत देगा बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी यह सुकून भरी खबर है।

जयपुरJul 26, 2019 / 05:38 pm

Neeru Yadav

हॉस्टल्स में रहने वाले स्टूडेंट्स को मिलेगी साइकिल

सरकार (Rajasthan Govt)ने हॉस्टलों (Hostels)में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए बड़ा फैसला किया है। सरकार का यह फैसला न सिर्फ हॉस्टलों में रहने विद्यार्थियों को राहत देगा बल्कि उनके अभिभावकों के लिए भी यह सुकून भरी खबर है।
दरअसल, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (Department of Social Justice)की ओर से चलाए जा रहे छात्रावासों में ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिए परिवार की आय सीमा ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर आठ लाख रुपए कर दी गई है। यही नहीं जिन छात्रावासों की स्कूल से दूरी दो किलोमीटर से अधिक है, उन छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को साइकिलें बांटी जाएगी। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल(Master Bhanwarlal Meghwal )ने यह विधानसभा (Rajasthan Assembly)में कहा।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क कोचिंग योजना के तहत कोटा और जयपुर में 500-500 बच्चों को जेईई मैन्स एवं नीट, आई.आई.टी., आई.आई.एम.(प्रबन्धन) तथा क्लैट की कोचिंग के लिए अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए 6 लाख तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए 5 लाख रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
उन्होने सामाजिक सुरक्षा सहित समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है। उन्होंने भारत रत्न बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम पर दिए जाने वाले राज्य स्तरीय 4 पुरस्कारों का दायरा बढ़ाते हुए अब जिला स्तर पर भी यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की। जिला स्तर पर पहली बार 14 अप्रेल 2020 को यह पुरस्कार दिए जाएंगे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि जोधपुर में 91 लाख रुपए की लागत से बाल परामर्श एवं कौशल विकास केन्द्र की स्थापना की जाएगी। यहां बाल देखरेख संस्थानों में रहने वाले बच्चों तथा कमजोर वर्ग के बच्चों को आत्म निर्भर बनाने के लिए जीवन कौशल एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। जयपुर,जोधपुर एवं कोटा संभाग मुख्यालयों पर समेकित बाल पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। वहीं अनाथ बच्चों के शारीरिक, बौद्धिक, भावनात्मक, शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक उत्थान के लिए विशेष नीति तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ई-मित्र कियोेस्क तथा राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर आधार कार्ड आधारित भामाशाह प्लेटफार्म के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन कराए जाने पर पेंशनर को उस दिन जीवित होने का प्रमाण पत्र माना जाएगा।

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