विधानसभा में विपक्ष ने किया हंगामा, वैल में आकर बैठे धरने पर
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। टिप्पणी से आक्रोशित प्रतिपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की और बाद में मंत्री से अभिप्राय स्पष्ट करने की मांग को लेकर वेल में ही धरना दे दिया। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सवाल पूछा कि क्या यह सही है कि सरकार के अधीन आने वाले गढ़, किले, आरटीडीसी के होटल और जीएडी के डाक बंगलों का संचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को देने का विचार रखती है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जवाब में ‘जी नहींÓ कहकर बैठ गए। मंत्री के इस जवाब पर सराफ ने उन पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार के अधीन आने वाले गढ़, किले, आरटीडीसी के होटल और जीएडी के डाक बंगलों का संचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को देने का निर्णय हुआ है। इस पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह बैठक आपकी सरकार में हुई थी। वैसे अधिकारी फैसले नहीं लेते हैं। कोई भी फैसला सरकार लेगी। उन्होंने कहा कि सदस्य बुरा नहीं माने तो मैं सवाल का मकसद जानना चाहता हूं। उनकी इस टिप्पणी से प्रतिपक्ष भड़क गया और सदस्य नारेबाजी करने लगे।
प्रतिपक्ष नारेबाजी करते हुए वेल में आकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलता रहा। अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने प्रश्न उठाने के लिए सदस्यों के नाम पुकारते रहे, लेकिन विपक्षी सदस्यों के वेल में धरना देने से सोलह प्रश्न नहीं हो पाए। करीब 15 मिनट तक हुए शोर-शराबा एवं हंगामा के बाद अध्यक्ष ने 11.34 बजे सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह की टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। टिप्पणी से आक्रोशित प्रतिपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की और बाद में मंत्री से अभिप्राय स्पष्ट करने की मांग को लेकर वेल में ही धरना दे दिया। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने सवाल पूछा कि क्या यह सही है कि सरकार के अधीन आने वाले गढ़, किले, आरटीडीसी के होटल और जीएडी के डाक बंगलों का संचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को देने का विचार रखती है। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जवाब में ‘जी नहींÓ कहकर बैठ गए। मंत्री के इस जवाब पर सराफ ने उन पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार के अधीन आने वाले गढ़, किले, आरटीडीसी के होटल और जीएडी के डाक बंगलों का संचालन एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को देने का निर्णय हुआ है। इस पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह बैठक आपकी सरकार में हुई थी। वैसे अधिकारी फैसले नहीं लेते हैं। कोई भी फैसला सरकार लेगी। उन्होंने कहा कि सदस्य बुरा नहीं माने तो मैं सवाल का मकसद जानना चाहता हूं। उनकी इस टिप्पणी से प्रतिपक्ष भड़क गया और सदस्य नारेबाजी करने लगे।
प्रतिपक्ष नारेबाजी करते हुए वेल में आकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान हंगामे के बीच प्रश्नकाल चलता रहा। अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने प्रश्न उठाने के लिए सदस्यों के नाम पुकारते रहे, लेकिन विपक्षी सदस्यों के वेल में धरना देने से सोलह प्रश्न नहीं हो पाए। करीब 15 मिनट तक हुए शोर-शराबा एवं हंगामा के बाद अध्यक्ष ने 11.34 बजे सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मंत्री का यह कहना कि प्रश्न पूछने की मंशा क्या है, गलत है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब सदस्य लेन-देन करके प्रश्न पूछते है। जब तक इस बारे में स्पष्ट नहीं होगा, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रतिपक्ष के धरने के दौरान सदस्यों ने माफी मांगो, माफी मांगो एवं लोकतंत्र का सम्मान करो, मनमानी और तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए।
सोमवार को दोपहर 12 बजे फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन वेल में धरने पर बैठे प्रतिपक्ष्रा के सदस्य मंत्री से अपना अभिप्राय स्पष्ट करने की मांग पर अड़े रहे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी.जोशी ने कहा कि उनकी मंत्री से बात हुई है और उनकी मंशा खराब नहीं हैं। उन्होंने सदस्यों को आश्वस्त किया कि मंत्री की ऐसी कोई मंशा नहीं है और सदन में रिकार्ड है उसे देख ले, उसमें लगता है कि इस तरह की कोई मंशा है तो चर्चा की जाएगी। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी गलत मंशा नहीं थी, आप लोग भी उन पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया है, जिससे उन्हें दुख है। इतना कहने के बाद विपक्षी सदस्य मान गए और अपनी जगहों पर जाकर बैठ गए।https://www.patrika.com/jaipur-news/rajasthan-assembly-rajendra-rathor-raise-issue-churu-police-gang-rape-4840790/