विधायक लोढा ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टsmart city में 100 स्मार्ट सिटी चिन्हित हुई और हम कहां खड़े हुए हैं। यहीं नहीं जयपुर ही अभी 36वें नम्बर पर है। लोढा ने द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाए कि टेंडर कब हुआ और किस—किस ने हिस्सा लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रोजेक्ट में आउट आफ टर्न होकर यह टेंडर दिया गया। सरकार इसके बारे में बताए। लोढा ने कि सरकार से जानना चाहा कि द्रव्यवती नदी की जो डिजाइन थी उससे परे हटकर कौन—कौनसे काम हुए और किसके कहने पर हुए। इसकी कंपनी को इतनी तीव्र गति से भुगतान हुआ, जबकि अभी तो कई काम ही पूरे नहीं हुए सत्ता पक्ष के विधायक राजेन्द्र पारीक ने कहा कि निकायों और विभागों में तालमेल की साफ कमी है। उन्होंने इनके असमन्वित तरीकों से काम पर सवाल भी उठाए। उन्होंने कहा ज्यों ही नई सड़क बनती है और पीछे – पीछे जलदाय विभाग और उसके पीछे बिजली विभाग पहुंच जाता है और सड़क खोद दी जाती है। सरकार का करोडो रुपए तो बेकार हो जाता है और जनता को परेशानी झेलनी पडती है। पारीक ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि आपसे उम्मीद है कि सभी विभागों के बीच अब समन्वय से काम होगा। कई विधायकों ने सडकों पर आवारा पशुओं का मामला भी उठाया और कहा कि इससे दुर्घटनाएं होती रहती है। सभी निकायों को आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने की कार्यवाही करनी चाहिए।
भाजपा विधायक अनिता भदेल ने बिल्डिंग बायलॉज के विपरीत हो रहे निर्माण कार्यों का मामला उठाते हुए कहा कि जब बायलॉज बने हुए हैं तो फिर कम्पाउंड ही क्यों कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रसूखदार का तो कम्पांउड कर दिया जाता है और आमजन बैठा रह जाता है। इसलिए जरूरी है कि बायलॅाज की ही सख्ती से पालना हो और अवैध निर्माण को कम्पाउंड करने की अनुमति बिल्कुल नहीं मिलनी चाकचाहिए। विधायक भदेल ने रेरा में सेवानिवृत लोगों को लगाने पर सवाल उठाया और कहा कि हर नगर निकाय में रेरा के लिए अलग से अफसर नियुक्त होना चाहिए ताकि लोगों की समस्या दूर हो सके। उन्होंने ऐसे प्रावधान करने को कहा जिससे अवैध कॉलोनियों बसने और बिना अनुमति बहुमंजिला इमारत निर्माण का सिलसिला रुके। भदेल ने कहा कि टाउनशिप बनाने वाले कई निर्माणकर्ताओं ने रेरा में रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया इसलिए ऐसे विकासकर्ता और निर्माणकर्ता को चिन्हित किया जाए।