जयपुर

Mob Lynching विधेयक पारित होने पर बोले कटारिया – ‘बंदर के हाथ में उस्तरा दे रहे हो’,विपक्ष ने किया जमकर विरोध और फिर…

Mob Lynching Law 2019 : Rajasthan में Mob Lynching Bill Pass हो गया है। राजस्थान विधानसभा में पारित हुए लिंचिंग सरंक्षण विधेयक को लेकर विपक्ष ने जमकर विरोध किया। विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरकार पर जबरदस्त प्रहार किए।

जयपुरAug 05, 2019 / 07:39 pm

rohit sharma

जयपुर। राजस्थान में मॉब लिंचिंग विधेयक पारित ( Anti Mob Lynching Bill 2019 ) हो गया है। राजस्थान विधानसभा ( Rajasthan Vidhan Sabha ) में पारित हुए लिंचिंग सरंक्षण विधेयक ( Mob Lynching Protection Bill 2019 ) को लेकर विपक्ष ने जमकर विरोध किया।
 

3 बार पारित करवाना पड़ा Bill

विपक्ष के विरोध के बीच विधानसभाध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ( CP Joshi ) ने बिल के पक्ष और विपक्ष के लिए सदस्यों की सहमति जानी तो विपक्ष ने ना कहने वाले लोगों की संख्या ज्यादा बताकर हंगामा किया। इस पर जोशी ने दूसरी बार भी सहमति जानने के लिए हाथ उंचे करवाए, इस पर भी विपक्ष राजी नहीं हुआ तो जोशी ने तीसरी बार हां और ना पक्ष के सदस्यों को खड़ा करवाकर सहमति जानी। इसके बाद बिल को पारित किया गया।
 

विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ( Gulab Chand Kataria ) ने सरकार पर जबरदस्त प्रहार किए। कटारिया ने कहा कि इस विधेयक के जरिए तो ‘एक बेगुनाह को भी अंदर ठोक दोगे और उसे जमानत भी नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि आपने तो बंदर को उस्तरा दे दिया अब जाने वो किस की भी दाढ़ी बना दे। इस लिंचिंग विधेयक पर सभी सदस्यों को ठंडे दिमाग से विचार करना चाहिए’।

 

कटारिया ने किए जबरदस्त प्रहार

कटारिया ने सरकार ( Rajasthan Government ) पर आरोप लगाया कि एक समाज विशेष को फायदा पहुंचाने के लिहाज से ये विधेयक लाया गया है। एक दिन हमारा कानून हमें ही खाएगा।। पुलिस ( Rajasthan Police ) इस कानून के दायरे में किसी को भी दोषी बना देगी। मेरे और मेरी पार्टी के विधायक किसी भी कीमत पर इस विधेयक को स्वीकार नहीं करेंगे। हमारे पास कानून की कमी नहीं है फिर भी पता नहीं क्यों यह विधेयक लाया गया है, लिंचिंग के लिए अलग से दंड की धारा का प्रावधान ( Mob lynching Law Provision ) करें।
Supreme Court ने जो गाइडलाइन ( guideline ) दी इसके अनुसार इस विधेयक में कुछ भी शामिल नहीं किया गया है। विधेयक में जो प्रावधान किए गए हैं वह सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन से बिल्कुल अलग है। राज्यों को कानून बनाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
मणिपुर ने साफ तौर पर लिखा है कि दो या दो से अधिक लोग इकट्ठा होकर मॉब की कार्रवाई करते हैं तो वह इस कानून के दायरे में आएंगे। जबकि हमारे यहां जो कानून लाया गया है उसमें 2 या उससे अधिक लोगों द्वारा मिलकर की गई कार्रवाई को मॉब कानून के दायरे में लाया जाएगा।
 

लाटा ने पटखनी दे दी

Shanti Dhariwal बोले कि अशोक लाहोटी ने कहा कि यह बिल राजनीति के लिए लाया गया है। मैं कहना चाहता हूं कि आप को राजनीति में पटखनी देते हुए विष्णु लाटा महापौर ( Mayor Vishnu Lata ) बन गया।

 

गोतस्करों को बचाने के लिए लाई विधेयक

अशोक लाहोटी ( Ashok Lahoti ) ने कहा कि सरकार की ओर से ये बिल जल्दबाजी में लाया गया है। ठीक उसी तरह जिस तरह कांग्रेस ने पुलवामा हमले के बाद जवाब देने के कारण लोकसभा मे उसका परिणाम देखने को मिला। बिल के द्वारा पुलिस ब्लैकमैलिंग काम शुरु कर देगी। सरकार ये बिल गो तस्करों को बचाने के लिए लेकर आ रही है। यह बिल समाज विशेष के लोगों को फायदा देने के लिए और बहुसख्यकों दबाने के लिए लाया जा रहा है।

मदन दिलावर ( Madan Dilawar ) ने कहा कि इस बिल से चोरों, डकैतों, गो तस्करों, बलात्कारियों को संरक्षण देने का काम किया जाएगा। सरकार कैसा भी बिल क्यो नही लेकर आए गोमाता को कटने नहीं देंगे।

 

कांग्रेस के 4 MLA भी नहीं जीतेंगे

अनिता भदेल ( Anita Bhadel ) ने कहा कि ये कानून वो है जो पूर्व में UPA की चैयरपर्सन लेकर आई, लेकिन उसका जमकर विरोध किया गया, जिससे कारण इसे वापस लिया गया और अब वापस ये बिल लाया जा रहा है। आईपीसी की धाराओ में दण्ड देने के लिए है। इस बिल के कारण 2023 में कांग्रेस के 4 लोग जीत कर भी नहीं आएंगे।

 

ये विधायक पक्ष में बोले

—चन्द्रभान सिंह आक्या ने कहा कि इस बिल से बेगुनाह लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। ये कानून बनने के बाद पंचायत में फैसला करने का रिवाज ही खत्म हो जाएगा।
—अभिनेष महर्षि ने कहा कि इस बिल को लाने में सरकार की भावना अच्छी हो सकती है लेकिन टारगेट करके कोई काम नहीं करना चाहिए।
— बिहारीलाल ( Biharilal ) ने कहा कि इस बिल में लिचिंग शब्द को ही परिभाषित नहीं किया गया। इस बिल का पुलिस अनुसंधान के समय गलत उपयोग करेगी।
ये बोले विपक्ष में
—संयम लोढा ( Sanyam lodha ) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐसा कानून लाने वाला पहला प्रदेश राजस्थान होगा। केन्द्र सरकार ने समाज को दो भागों में बाटने का काम किया है। 2014 के बाद से ये घटनाए बढ़ रही है।
—बलवान पूनिया ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज होना चाहिए। भीड़ खुद ही न्याय नहीं करे। आज के दौर में जो लोग संस्कृति बचाने की बात करते है वे ही देश को तोड़ने का काम करते है। इस कानून को प्रदेश में गंभीरता से लागू होना चाहिए।

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