विधानसभा में विनियोग (संख्या-1) विधेयक पुनस्र्थापन और पारण के बहस के बाद उसे पारित करवाने की बारी आई तो सदन में कांग्रेस के बहुत कम विधायक थे। सभापति राजेंद्र पारीक ने ध्वनिमत से विधेयक पारित करने पर राय पूछी, उसी वक्त उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सरकार अल्पमत में होने की बात कह मत विभाजन की मांग कर दी। सभापति ने दो बार राय पूछी और कुछ देर इंतजार किया, भाजपा ने जैसे ही मत विभाजन की मांग रखी और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने कहा कि फाइनेंशियल बिल पास हो रहा है, सरकार अल्पमत में हैं। वैसे ही सत्तापक्ष में हड़ंकंप की स्थिति हो गई।
इस बीच विधानसभा में अपने चेम्बरों में बैठे मंत्री दौडक़र सदन में पहुंचे। हां पक्ष लॉबी से भागकर कई विधायक भी सदन में पहुंचे। कांग्रेस विधायकों को सदन में आते देख उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सभापति से सदन के सभी गेट बंद करवाकर वोटिंग की मांग रखी। इस बीच सदन में कांग्रेस विधायक जुटने शुरू हो गए। हालांकि सभापति ने भाजपा की मांग को नहीं माना। इससे नाराज भाजपा विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। भाजपा की मत विभाजन की मांग पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि सदन में भाजपा के कुल 28 लोग हैं और उनमें से भी कैलाश मेघवाल हमारे साथ हैं, और पक्ष में 56 लोग बैठे हैं। बाद में नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। इस बीच सभापति ने विधेयक को पारित कर दिया।